कांग्रेस (Congress) ने मंगलवार को भाजपा (BJP) पर किसानों की एकता तोड़ने का आरोप लगाया है। बीजेपी ने दावा किया कि पार्टी स्वतंत्रता सेनानी राजा महेंद्र प्रताप सिंह (Raja Mahendra Pratap Singh) के नाम का इस्तेमाल कर केंद्र के तीन कृषि कानूनों (three agricultural laws) का विरोध कर रहे किसानों की एकता को तोड़ने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस ने बीजेपी पर “जातिवादी” राजनीति (casteist Politics) करने का आरोप लगाया। कांग्रेस का ये बयान उस वक्त आया जब, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने अलीगढ़ में एक विश्वविद्यालय (university in Aligarh) की आधारशिला रखी थी, जिसका नाम स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर रखा जाएगा।
कांग्रेस प्रवक्ता हिलाल नकवी ने कहा कि महेंद्र प्रताप सिंह ने आरएसएस को फांसीवादी कहा था और इसके खिलाफ जीवन भर संघर्ष किया था। उन्होंने कहा, “दरअसल, 1957 के संसदीय चुनावों में राजा महेंद्र प्रताप ने न केवल अटल बिहारी वाजपेयी को हराया था बल्कि यह भी सुनिश्चित किया था कि उनकी जमानत जब्त हो जाए।”
“किसानों की घेराबंदी से परेशान केंद्र की मोदी सरकार और यूपी की योगी सरकार किसान विरोधी कृषि कानूनों को वापस लेने की बजाय महान क्रांतिकारी राजा महेंद्र प्रताप को जाट बताकर जातिवादी कार्ड खेलकर उनकी एकता को तोड़ना चाहती है।”
प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि “विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि जिन क्रांतिकारियों को पहले सम्मानित नहीं किया गया था, उन्हें अब उचित सम्मान दिया जा रहा है। लेकिन बीजेपी ने विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही राजा महेंद्र प्रताप को याद किया है।”
हिलाल नकवी ने कहा, “बीजेपी की राजनीति राजा महेंद्र प्रताप के आदर्शों के विपरीत है। बीजेपी ने हिंदुओं और मुसलमानों को लड़ाकर लगातार वोट काटे हैं, जबकि राजा महेंद्र प्रताप एक ऐसा भारत चाहते थे जिसमें हिंदू और मुसलमान भाइयों की तरह रहें।”
किसान आंदोलन अब भी जारी
किसान पिछले साल नवंबर से केंद्र के तीन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और पूरी तरह से निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। आंदोलनकारी किसानों द्वारा बैरिकेड्स तोड़ने और दिल्ली में प्रवेश करने के बाद विरोध प्रदर्शन तेज हो गया था, जिसके कारण प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच भारी झड़प हुई थी।