ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण कोविड-19 के अब तक के सबसे कठिन दौर का सामना कर रहे चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने हालात को ‘गंभीर और जटिल’ बताया। साथ ही बुजुर्गों में कोविड के प्रसार को लेकर भी अधिकारियों ने चिंता जाहिर की है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक एक मार्च से देश में संक्रमण के 56,000 से ज्यादा मामले आ चुके हैं। इनमें से आधे से अधिक मामले उत्तर-पूर्वी जिलिन प्रांत में आए हैं और इसमें बिना लक्षण वाले मामले भी शामिल हैं। हॉन्गकॉन्ग के मामले इसमें शामिल नहीं हैं।
चीन के रोग नियंत्रण केंद्र (CDC) के संक्रामक बीमारी विशेषज्ञ वू जुनयू ने कहा, ‘चीन ‘जीरो कोविड’ के लक्ष्य का पालन करने की दिशा में काम कर रहा है क्योंकि यह कोविड-19 के खिलाफ रोकथाम की सबसे कारगर रणनीति है। इस नीति से ही महामारी के छिपे हुए खतरे का उन्मूलन संभव है।’ ‘जीरो कोविड’ नीति के तहत लॉकडाउन और करीबी संपर्क की जांच समेत बड़े पैमाने पर जांच, संदिग्ध व्यक्ति को घर पर पृथक-वास या सरकारी केंद्र में भेजना शामिल है। इस नीति का ध्यान समुदाय के बीच जल्द से जल्द संक्रमण के प्रसार को रोकना है। कई बार इसके लिए पूरे शहर में लॉकडाउन भी किया जाता है।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने 60 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों के लिए चिंता जताई है। पिछले हफ्ते जारी राष्ट्रीय स्तर के आंकड़ों के मुताबिक 60 साल या इससे अधिक उम्र के 5.2 करोड़ से अधिक लोगों को टीके की खुराक नहीं लगी है। बूस्टर खुराक दिए जाने की दर भी धीमी है। हॉन्गकॉन्ग के हालात ने बुजुर्ग लोगों को टीकाकरण के महत्व को उजागर किया है। सीडीसी के अधिकारी जुनयू के अनुसार, अर्ध-स्वायत्त क्षेत्र हॉन्गकॉन्ग में रोजाना मौत के 200 से ज्यादा मामले आ रहे हैं।
हॉन्गकॉन्ग में कोविड-19 से होने वाली मौतों में बड़ी संख्या उन लोगों की रही है, जिनका पूरी तरह से टीकाकरण नहीं हुआ था। इनमें से ज्यादातर बुजुर्ग थे। हॉन्गकॉन्ग में शुक्रवार को संक्रमण के 10,401 नए मामले आए।