रेलवे की लाख कोशिश और अपील के बाद भी बिना टिकेट ट्रेनों में सफर करनेवाले यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और यह रेलवे के ताज़ा आंकड़ों से साफ हो रहा है। दरअसल ट्रेनों में लगातार बढ़ती बिना टिकट यात्रा की घटनाओं को देखते हुए रेलवे की तरफ से समय-समय पर सघन चेकिंग अभियान चलाती हैं। इसी अभियान के तहत मध्य रेलवे को बिना टिकट यात्रियों से 200 करोड़ रुपये जुर्माने के तौर पर मिले हैं।
मध्य रेलवे द्वारा जारी किए गए नए आंकड़े के मुताबिक अप्रैल 2021 से 16 मार्च 2022 यानी करीब एक साल में ट्रेनो में बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों से जुर्माने के तौर पर 200 करोड़ रुपये वसूले गए हैं, जो कि भारतीय रेल पर किसी भी जोन पर सबसे ज्यादा है। गौर करने वाली बात यह है कि कोविड प्रतिबंधों के बावजूद मध्य रेलवे ने इस दौरान कुल 33.30 लाख लोगों को बिना टिकट पकड़ा और उनसे जुर्माने के रूप में 200.85 करोड़ रुपये का राजस्व वसूल कर रेलवे के खजाने में डाला।
इस मामले में मध्य रेलवे के मुम्बई मंडल ने रिकॉर्ड बनाया है जहा बिना टिकट और अनियमित यात्रा के 12.93 लाख यात्री बिना टिकेट पकड़े गए, जिनसे 66.84 करोड़ रुपये वसूले गए। इसके बाद दूसरा नंबर भुसावल मंडल ने अनियमित यात्रा के 8.15 लाख मामले पकड़े, जिनसे 58.75 करोड़ रुपये वसूल किए गए। नागपुर मंडल ने अनियमित यात्रा के 5.03 लाख मामलों से 33.32 करोड़ रुपये वसूले। सोलापुर मंडल ने अनियमित 3.36 लाख मामले यात्रियों से 19.42 करोड़ रुपये वसूले। पुणे मंडल ने अनियमित यात्रा के 2.05 लाख मामले पकड़े और उनसे 10.05 करोड़ रुपये वसूले। मध्य रेलवे मुख्यालय के टिकट चेकिंग दल ने बिना टिकट और अनियमित यात्रा के 1.80 लाख यात्रियों से 12.47 करोड़ रुपये की वसूली की।
इसके अलावा इस दौरान 56,443 व्यक्तियों को कोविड अनुरूप व्यवहार का उल्लंघन करने और मास्क न पहनने के मामले में उनसे 88.78 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया।