अफगान सैन्य बल और तालिबानी आतंकी के बीच चले लम्बे गृहयुद्ध के बाद तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया है। इसके बाद से ही वहां अफरा-तफरी का माहौल है। सयुंक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने इस मुद्दे पर आपात बैठक बुलाई है। वहीं, भारत सहित अन्य पड़ोसी देश में भी चिंताजनक स्थिति बनी हुई है।
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद बीजेपी नेता राम माधव ने सोमवार को कहा कि तालिबान भारत के लिए ‘गंभीर सुरक्षा चुनौती’ खड़ी कर सकता है। उन्होंने कहा कि आईएसआई तालिबान को प्रशिक्षण और पनाह देता आया है। माधव ने संदेह जताया कि तालिबान अब काबुल की कमान संभालने के बाद अपना विस्तार करेगा।
बता दें, अफगानिस्तान सरकार को हराते हुए तालिबान ने रविवार को काबुल पर कब्जा कर लिया। अफगान अधिकारियों के अनुसार राजधानी शहर पर कब्जा करने से पहले, तालिबान लड़ाकों ने राजधानी काबुल के बाहरी इलाके में प्रवेश करते हुए कलाकन, काराबाग और पगमान जिलों को अपने कब्जे में लेकर मुख्य क्षेत्र को घेर लिया था। अब तक अधिकांश विदेशी देश अफगानिस्तान में रह रहे अपने नागरिकों को वहां से निकालने में लगे हैं।
वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आशंका जताया है कि पाकिस्तान और चीन तालिबान का इस्तेमाल भारत के खिलाफ कर सकता है। पंजाब के मुख्यमंत्री ने रविवार को चेतावनी दी कि अफगानिस्तान में तालिबान का शासन भारत के लिए ‘अच्छा नहीं होगा’। कांग्रेस नेता ने कहा कि युद्धग्रस्त देश में सत्ता परिवर्तन से भारत के खिलाफ पाकिस्तान-चीन की सांठगांठ मजबूत होगी। यह उल्लेख करते हुए कि चीन पहले ही उइगरों पर सैन्य मदद मांग चुका है। उन्होंने भारत को ‘अधिक सतर्क’ रहने पर जोर दिया।
अफगानिस्तान में तालिबान भारत के लिए एक नया खतरा : सुब्रमण्यम स्वामी
भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने रविवार को दावा किया कि अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर भारत के लिए एक नया खतरा पैदा हो गया है। अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान आकर्षित किया और कहा कि अब इसके लिए ‘गंभीर होने’ का समय है। स्वामी ने शुक्रवार को यह भी दावा किया था कि पाकिस्तान जल्द ही ‘तालिबानीकृत अफगानिस्तान’ का हिस्सा बन जाएगा।