तेलांगाना में चल रहे भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमें पूर्वोत्तर राज्यों के लंबे समय से लंबित मुद्दों को हल करने के लिए एक अच्छा रास्ता मिल गया है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में इस क्षेत्र में और कोई समस्या नहीं होगी और 2024 तक इन सभी मुद्दों का समाधान कर दिया जाएगा। बैठक में मौजूद हिमंत बिस्वा सरमा ने अमित शाह ने और क्या-क्या कहा उसे लेकर पत्रकारों से चर्चा की।
कार्यकारिणी बैठक में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने लिया हिस्सा
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में असम के मुख्यमंत्री मौजूद रहें। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से अपनी हुई चर्चा में क्या बात हुई इस पर खुल कर बोलें। उन्होने कहा कि पहले दिन, हमने आर्थिक संकल्प पर चर्चा की। आज दूसरे दिन राजनीतिक संकल्प पर चर्चा की बारी थी। गृह मंत्री अमित शाह ने प्रस्ताव पेश किया और इसे सर्वसम्मति से पारित किया गया।
इन जगहों से हटाया गया AFPSA
मार्च 2022 में केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया। सरकार के इस फैसले में नागालैंड के सात जिलों में 15 पुलिस थाना क्षेत्रों से और मणिपुर के छह जिलों में 15 पुलिस थाना क्षेत्रों से AFPSA को हटा दिया गया था। वहीं सरकार ने कुल 23 जिलों और असम में आंशिक रूप से एक जिले से AFPSA को हटा दिया था।
असम और मेघालय के बीच समझौते पर हुआ हस्ताक्षर
असम और मेघालय की सरकारों ने इस साल मार्च में अपने 50 साल पुराने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए। मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने जांच और विचार के लिए 31 जनवरी को दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इस मसौदे पर हस्ताक्षर करने को कहा था। मसौदा पेश होने के दो महीने बाद असम और मेघालय के बीच समझौते पर हस्ताक्षर कर दिया गया।
CCA को लेकर बोलें हिमंत बिस्वा सरमा
शाह के भाषण पर बोलते हुए, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मीडिया को से कहा कि गृह मंत्री ने हमें बताया कि उन्हें खुशी है कि अब हमारे पास एक स्थायी पता है। पूर्वोत्तर और हम कहीं नहीं जा रहे हैं। सरमा से जब CAA (नागरिक संशोधन अधिनियम) नहीं लागू होने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इस संशोधन में विपक्ष की आपत्तियों के कारण देर हुई है। हमारी सरकार CAA को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
भाजपा पूर्वोत्तर क्षेत्र की समस्याओं को कैसे हल करेगी
सरमा ने अमित शाह से हुई चर्चा पर बात करते हुए बताया कि भाजपा ने नॉर्थईस्ट में अपना जमाया और 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद यहां पर विकास किया गया। हमने पूर्वोत्तर राज्यों के लगभग 60% क्षेत्रों से AFSPA रूल हटा दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि 2024 तक, नॉर्थईस्ट में कोई और फॉल्स बॉर्डर नहीं होंगी और सभी मुद्दों का समाधान किया जाएगा।
शाह ने 2002 के गुजरात दंगों पर विपक्षी दलों की खिंचाई की
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान भाजपा की ओर से राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया और 2002 के दंगों के मामले में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए विपक्षी दलों की खिंचाई की। शाह ने 2002 के गुजरात दंगों के मामले में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री को क्लीन चिट देने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर भी जोर दिया। गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात दंगों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि सभी आरोपों को सुप्रीम कोर्ट ने झूठा घोषित किया और अदालत ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया।
सुप्रीम कोर्ट ने 24 जून को तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य लोगों को 2002 के गुजरात दंगों में विशेष जांच दल (SIT) द्वारा दी गई क्लीन चिट को चुनौती देने वाली कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की विधवा जकिया जाफरी द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया। बता दें कि जाफरी ने मोदी को मिले क्लीन चिट के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
आज विपक्ष बंटा हुआ है -गृह मंत्री
कांग्रेस सदस्य पार्टी में लोकतंत्र स्थापित करने के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन डर के मारे पार्टी अध्यक्ष का चुनाव नहीं कर रहे हैं। कांग्रेस को ‘मोदी फोबिया’ है। वे राष्ट्रहित में लिए गए हर फैसले का विरोध कर रहे हैं।