केरल में कोरोना वायरस के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। कोरोना को फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार ने पूर्वजों को श्रद्धांजलि वाले वार्षिक हिंदू अनुष्ठान ‘बलि तर्पणम’ के लिए बाहर जाने पर पाबंदी लगाई है। इन पाबंदियों की वजह से लोगों ने रविवार को अपने घर पर ही ‘बलि तर्पणम’ किया। इसके चलते एर्नाकुलम जिले की पेरियार नदी के किनारे अलुवा ‘शिवरात्रि मनप्पुरम’ और तिरुवल्लम परशुराम मंदिर वीरान रहे। आम तौर पर यहां लोग ‘बलि तर्पणम’ के लिए इकट्ठा होते थे।
सबसे पहले केरल राज्य में त्रावणकोर क्षेत्र में प्रमुख मंदिरों का प्रबंधन करने वाले त्रावणकोर देवस्व ओम बोर्ड ने इस साल मंदिरों में ‘बलि तर्पणम’ न करने का फैसला किया था। इसके बाद अन्य मंदिरों ने भी इस फैसले का समर्थन किया। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एक भक्त ने बताया, “केरल सरकार के निर्देश के अनुसार, हमने राज्य में COVID के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए अपने घरों में बलि तर्पणम अनुष्ठान किया है।”
बता दें कि कोरोना महामारी के चलते केरल में पिछले साल भी बलि तर्पणम अनुष्ठान का आयोजन करने की अनुमति नहीं दी गई थी। हिंदू मान्यता के अनुसार, ‘कार्तिक वायु’ के दिन बलि तर्पणम अनुष्ठान को करने से उनके दिवंगत पूर्वजों की आत्माओं को ‘मोक्ष’ मिलता है। इस दौरान लोग नदी के किनारे और समुद्र तटों पर इकट्ठा होते हैं। सबसे ज्यादा पेरियार, भरतपुझा और कल्पथिपुझा नदी के किनारे भीड़ लगती है।
हाल ही में केरल की सरकार ने लॉकडाउन के प्रतिबंधों में ढील दी थी। इस दौरान दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों को सप्ताह में 6 दिन खोलने की अनुमति दी गई थी, लेकिन सरकार ने रविवार को पाबंदियां जारी रखने का फैसला किया था। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने केरल सरकार से श्रद्धालुओं को वार्षिक हिंदू अनुष्ठान में भाग लेने के लिए लॉकडाउन के नियमों में छूट देने का आग्रह किया था।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकडों के अनुसार, केरल में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस के 20,367 नए मामले सामने आए। इस दौरान 139 लोगों ने कोरोना की चपेट में आकर अपनी जान गंवा दी। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने लोगों से ‘ओणम’ के दौरान बड़ी सभाएं न करने का अनुरोध किया है।