महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 100 करोड़ वसूली के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने 100 करोड़ की वसूली के आरोप लगाए थे। इसके बाद इस मामले की जांच ED ने शुरू की थी। देशमुख को करीब 13 घंटे की पूछताछ के बाद ED ने गिरफ्तार किया। देशमुख अपने वकील के साथ सुबह करीब 11 बजकर 40 मिनट पर दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट इलाके में स्थित ED के दफ्तर पहुंचे थे। लंबी पूछताछ के बाद आधी रात बाद करीब सवा 1 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
वसूली के आरोपों के कारण देशमुख को अप्रैल में इस्तीफा देना पड़ा था। इससे पहले ईडी द्वारा पांच बार समन जारी किये जाने के बावजूद देशमुख पेश नहीं हुए थे,लेकिन बंबई उच्च न्यायालय के गत सप्ताह इन समनों को रद्द करने से इनकार करने के बाद वह एजेंसी के समक्ष पेश हुए हैं।
निहित स्वार्थों द्वारा गलत कहानी गढ़ी गई-देशमुख
इससे पूर्व अनिल देशमुख ने सोमवार को दावा किया कि ‘‘निहित स्वार्थों’’ द्वारा एक झूठी कहानी बनाई गई कि वह मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश होने से बच रहे हैं। देशमुख ने सोमवार को ED के कार्यालय में जाने के बाद एक बयान में दावा किया, ‘‘कुछ निहित स्वार्थों द्वारा एक गलत कहानी, एक गलत धारणा बनाई जा रही है, कि मैं प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होने से बच रहा हूं। निस्संदेह, इस तरह का प्रचार बिल्कुल निराधार है।’’
एनसीपी नेता ने कहा कि उन्होंने बिना किसी डर या पक्षपात के केवल पारदर्शी और निष्पक्ष जांच की मांग की है। बयान में कहा गया है, ‘‘मैं इस तरह के निष्पक्ष अधिकारियों के सामने पेश होने और मेरे खिलाफ लगाए गए आरोपों के झूठ को उजागर करने के लिए उत्सुक हूं। मुझे उम्मीद है कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी निष्पक्ष तरीके से कार्य करेंगे और जांच में मेरे सहयोग के बारे में शंकाओं को भी दूर करेंगे।’’
परमबीर सिंह का नाम लिए बिना उनकी आलोचना करते हुए देशमुख ने कहा कि ‘‘बेईमान व्यक्ति’’ स्वयं भ्रष्टाचार के कई रैकेट में शामिल हैं। देशमुख ने कहा, ‘‘पुलिस आयुक्त का उच्च पद संभालने वाला प्रमुख व्यक्ति अब एक वांछित फरार अपराधी है।’’ मजिस्ट्रेट की एक अदालत ने शनिवार को उपनगरीय गोरेगांव में दर्ज एक जबरन वसूली के कथित मामले में सिंह के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया था।