भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल के नेता अमित मालवीय (Amit Malviya) ने सोमवार यानि 9 अगस्त को अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर 34 वर्षीय महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोप है। पीड़िता भाजपा कार्यकर्ता की पत्नी बताई जा रही है। एफआईआर (FIR) रिपोर्ट की तस्वीर साझा करते हुए मालवीय ने दावा किया कि टीएमसी कार्यकर्ता कुतुबुद्दीन मलिक कथित अपराध में शामिल है। बता दें कि ये आरोप तब लगाए गए हैं, जब बीजेपी पश्चिम बंगाल में अपने कार्यकर्ताओं पर चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर केस लड़ रही है।
भाजपा नेता के अनुसार बंगाल के बगनान में कथित अपराध को अंजाम दिया गया है। आरोप है कि शुरुआत में तो पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से भी मना कर दिया था।
अमित मालवीय ने अपने एक ट्विटर पोस्ट में दावा किया कि स्थानीय पुलिस ने शुरू में पीड़ित पक्ष की शिकायत दर्ज करने से इनकार कर मामले को कमजोर करना चाहती थी।
इससे पहले जुलाई में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के सदस्य आतिफ रशीद (Atif Rashid) ने बंगाल पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे। एनएचआरसी सदस्य के मुताबिक बंगाल में लोग हिंसा की घटनाओं की सूचना पुलिस को देने से भी डरते हैं। आतिफ रशीद ने दावा किया कि पुलिस पीड़ितों को चुनाव के बाद की हिंसा के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं करने की धमकी दे रही है।
साथ ही उन्होंने चुनाव के बाद की हिंसा के पीड़ितों से उनकी लिखित शिकायतों के साथ मुलाकात की थी। उन्होंने ऐलान किया था कि वह मालदा न्यू सर्किट हाउस में पीड़ितों से मिलेंगे और मालदा और मुर्शिदाबाद में प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे।
पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के समय राज्य में बड़े पैमाने पर कथित तौर पर राजनीतिक हिंसा हुई थी। 10 जून तक पश्चिम बंगाल कानूनी सेवा प्राधिकरण (WBLSA) को लूटपाट, धमकी, हमले, यौन हमले, फिरौती की मांग, भूमि-हथियाने और व्यवसायों को जबरन बंद करने सहित हिंसा के संबंध में लगभग 3,243 शिकायतें मिली थी। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 30 जुलाई को पश्चिम बंगाल में कथित हिंसा के कारणों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया।