लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) में फंसे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) से मुलाकात की है। दोनों केंद्रीय मंत्रियों के बीच यह मुलाकात ऐसे वक्त में जब हुई, जब लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है। इस हिंसा में चार प्रदर्शनकारी किसानों समेत आठ लोग मारे गए थे। केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा (Union MoS Home Ajay Mishra) के बेटे आशीष मिश्रा पर किसानों को कुचलने का आरोप लगाया गया है और हिंसा में शामिल कई अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में भी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) का नाम है।
ऐसी खबरें हैं कि लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद अजय मिश्रा को दिल्ली (Delhi) में आलाकमान द्वारा तलब किया गया है, हालांकि इन खबरों का केंद्रीय मंत्री ने खंडन किया है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में अजय मिश्रा ने कहा कि पार्टी आलाकमान ने मुझे नहीं बुलाया है। साथ ही उन्होंने अपने दिल्ली दौरे की जानकारी देते हुए कहा था कि ‘उनके पास कुछ काम हैं, जिसके लिए वह दिल्ली जाएंगे।’
बता दें कि लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा का नाम सामने आ रहा है। आरोप लगाया जा रहे हैं कि जिस गाड़ी ने कथित तौर पर किसानों को कुचला था, उसमें आशीष मिश्रा बेटा था। इतना ही नहीं किसान आरोप लगा रहे हैं कि आशीष मिश्रा ने कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों के ऊपर गोलियां भी चलाई थीं। हालांकि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे, दोनों ही लगातार इन आरोपों को खारिज कर रहे हैं। अजय मिश्रा का दावा है कि उनका बेटा आशीष घटनास्थल पर मौजूद नहीं था।
घटना को लेकर विपक्ष हमलावर
हालांकि इस घटना को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है। विपक्षी पार्टियां केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग कर रही हैं। विपक्ष ने इस घटना को एक बड़ा मुद्दा बना लिया है। शायद यही वजह है कि राजनीतिक दलों के नेताओं में लखीमपुर खीरी की दौड़ लगाने की होड़ मची है। तमाम विपक्षी नेता लखीमपुर खीरी पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी लखीमपुर पहुंच रहे हैं, जो पीड़ित किसान परिवारों से मुलाकात कर सकते हैं।
हालांकि इस घटना को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है। विपक्षी पार्टियां केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग कर रही हैं। विपक्ष ने इस घटना को एक बड़ा मुद्दा बना लिया है। शायद यही वजह है कि राजनीतिक दलों के नेताओं में लखीमपुर खीरी की दौड़ लगाने की होड़ मची है। तमाम विपक्षी नेता लखीमपुर खीरी पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी लखीमपुर पहुंच रहे हैं, जो पीड़ित किसान परिवारों से मुलाकात कर सकते हैं।