राज्य में पिछले एक वर्ष की अवधि में 68450 एचआईवी मामले सामने आए हैं। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गंडू राव ने दी। एचआईवी संक्रमण के बारे में युवाओं सहित आम जनता में जागरूकता फैलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित दो महीने के ‘अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस और एचआईवी रोकथाम अभियान’ का सोमवार को शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि देश में एचआईवी संक्रमण भले ही कम हो रहा है, लेकिन 2023-24 में राज्य में 68,450 मामले सामने आए हैं। देश के कुल 24.44 लाख संक्रमितों में से 2.28 लाख कर्नाटक में हैं। इनमें से 1.91 लाख लोग नियमित रूप से इलाज करा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि संक्रमण को शून्य तक लाने का लक्ष्य है। यौन संबंध बनाने के दौरान सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए। खासकर युवाओं को इस बारे में सतर्क रहना चाहिए। एचआईवी होने का मतलब यह नहीं कि जीवन खत्म हो गया। नियमित इलाज से स्वस्थ जीवन जीया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कई साथियों के साथ यौन संबंध बनाने और असुरक्षित यौन संबंध से एचआईवी संक्रमण फैलने की आशंका अधिक होती है। मीडिया, सोशल मीडिया, छात्रों के लिए प्रश्नोत्तरी, पोस्टर बनाने जैसी विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। प्रवासी और युवा समुदाय वाले क्षेत्रों में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और स्थानीय संस्थाओं के कर्मचारियों द्वारा जागरूकता फैलाई जाएगी। मंत्री ने कहा कि जांच के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
पॉजिटिव दर 0.41%:
2023 में अप्रैल से अक्टूबर के बीच राज्य के 475 परामर्श केंद्रों पर 18,65,141 एचआईवी परीक्षण किए गए, जिनमें से 7,696 संक्रमित पाए गए। पॉजिटिव दर 0.41 है। इसी अवधि में 8,37,709 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई, जिनमें से 327 संक्रमित पाई गईं। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि 2025 तक गर्भवती महिलाओं से उनके बच्चे में संक्रमण को शून्य करने के लिए अस्पताल में अनिवार्य जांच की व्यवस्था की गई है।