केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर देशभर में जारी बवाल थमता नजर नहीं आ रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों में आगजनी और हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। वहीं इस मामले पर विपक्ष ने भी एक तरफ से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। कांग्रेस नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र पर हमला बोला। गहलोत ने कहा कि मुझे तो ये चिंता लगी है कि ये RSS-BJP के नौजवानों को भर्ती करके 4 साल ट्रेनिंग देकर कहां भेजेंगे।
इजरायल से तुलना पर अशोक गहलोत का वार
अग्निपथ योजना को लेकर जारी विरोध के बीच ये दलील दी जा रही है कि इजरायल समेत कई देशों में पहले से इस तरह की योजना लागू है। इसी को लेकर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का बयान सामने आया है। गहलोत ने ट्वीट कर कहा, “अब ये अग्निवीर और अग्निपथ नया शुरू कर दिया, पहले अगर मान लो आपके दिमाग में कोई सोच थी, जैसे इजरायल के अंदर जो प्रोसेस होता है, वो ऐसा नहीं होता है, वहां का सिस्टम बिल्कुल दूसरा है, वहां की आबादी बहुत कम है, वहां पर अगर सबके लिए स्कीम है ये अलग तरह की वहां पर ट्रेनिंग दी जाती है।”
गहलोत ने अगले ट्वीट में लिखा कि अगर इजरायल की तरह बात आपके दिमाग में आई तो युवाओं को विश्वास में लेना चाहिए था, जो लाखों लोग इंतजार कर रहे थे नौकरी का, उसके बजाय आपने थोप दिया उनपर अग्निपथ,अग्निवीर, अब मुझे तो चिंता लगी हुई है कहीं ये RSS-BJP के नौजवानों को भर्ती करके 4 साल की ट्रेनिंग दिलाकर उनको कहां भेजेंगे..
राजस्थान सीएम ने आगे लिखा, “वहां इजरायल में तो स्कीम बनी हुई है उनकी पूरी, वहां नौकरियों की कमी नहीं है, वहां मैनपावर की कमी है, इसलिए उन्होंने एक सिस्टम बना रखा है। हमारे यहां मैनपावर की कमी नहीं है, नौकरियों की कमी है, उल्टा मामला है हमारे देश के अंदर, तो आप इजरायल से कंपेयर नहीं कर सकते हो।”
राहुल और प्रियंका गांधी ने साधा निशाना
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “अग्निपथ – नौजवानों ने नकारा, कृषि कानून – किसानों ने नकारा, नोटबंदी – अर्थशास्त्रियों ने नकारा, जीएसटी – व्यापारियों ने नकारा।” उन्होंने आरोप लगाया, “देश की जनता क्या चाहती है, ये बात प्रधानमंत्री नहीं समझते क्योंकि उन्हें अपने ‘मित्रों’ की आवाज के अलावा कुछ सुनाई नहीं देता।”
वहीं पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने ट्वीट किया, “24 घंटे भी नहीं बीते कि भाजपा सरकार को नयी आर्मी भर्ती का नियम बदलना पड़ा। मतलब, योजना जल्दबाजी में युवाओं पर थोपी जा रही है।” उन्होंने कहा, “नरेंद्र मोदी जी, इस योजना को तुरंत वापस लीजिए, वायुसेना की रुकी भर्तियों में नियुक्ति और परिणाम दीजिए। सेना भर्ती को (आयु में छूट देकर) पहले की तरह कीजिए।”
उल्लेखनीय है कि सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूल-चूल परिवर्तन करते हुए तीनों सेनाओं में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ योजना की मंगलवार को घोषणा की थी, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी।