चीनी नागरिकों की लाइफ एक्सपेक्टेंसी (औसत जीवनकाल) को लेकर चौंकाने वाली बात सामने आई है। चीनी नागरिक भारतीयों की अपेक्षा ज्यादा जीवन जीते हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने मंगलवार को बताया है कि चीनी नागरिकों की लाइफ एक्सपेक्टेंसी 77.93 साल है और उच्च मध्यम आय वाले देशों की श्रेणी में ये सबसे ज्यादा है। एनएचसी के योजना विभाग के निदेशक माओ कुनान ने मंगलवार को बताया, ‘वर्तमान में, चीन के प्रति व्यक्ति की लाइफ एक्सपेक्टेंसी बढ़कर 77.93 साल हो गई है।’ बीते साल जारी आंकड़ों के मुताबिक, 1949 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के शासन की शुरुआत के 35 साल की तुलना में साल 2019 में चीनी नागरिकों की लाइफ एक्सपेक्टेंसी बढ़कर 77.3 साल हो गई।
हांगकांग ने दुनिया की टॉप लाइफ एक्सपेक्टेंसी को बनाए रखा
2013 के बाद से, चीन के हांगकांग ने जन्म के समय से दुनिया की टॉप लाइफ एक्सपेक्टेंसी को बनाए रखा है। हांगकांग में पुरुष और महिलाओं के लिए औसत जीवनकाल 85 साल से अधिक है। वहीं जापान और मकाऊ भी टॉप लाइफ एक्सपेक्टेंसी वाले मामलों में दुनिया में टॉप पर हैं।
साल 2020 में 70 थी भारत की लाइफ एक्सपेक्टेंसी
विश्व बैंक के डाटा के मुताबिक, साल 2020 में भारत की लाइफ एक्सपेक्टेंसी 70 थी। एनएचसी के मा के मुताबिक, चीनी नागरिकों की हेल्थ लिटरेसी का स्तर, स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्राप्त करने और नियमों का पालन करने की क्षमता बढ़कर 25.4% हो गई है। वहीं नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम में भाग लेने वाले लोगों का प्रतिशत 37.2% तक पहुंच गया है।
2035 तक लाइफ एक्सपेक्टेंसी को 80 करना है चीन का लक्ष्य
एक अधिकारी ने बताया कि चीन ने बड़ी बीमारियों के खिलाफ अपने बचाव को भी मजबूत किया है और समय से पहले की मृत्यु दर वैश्विक औसत से यहां कम है। मई में, चीन ने 2025 तक अपने निवासियों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए अपने पहले पांच साल के ब्लूप्रिंट का खाका तैयार किया था। इसके मुताबिक, उसका लक्ष्य है कि 2025 में उसकी लाइफ एक्सपेक्टेंसी एक और वर्ष बढ़ाकर 78.93 की जाए और शिशुओं और गर्भवती महिलाओं के लिए मृत्यु दर को कम किया जाए। इस योजना के मुताबिक साल 2035 तक उसका लक्ष्य लाइफ एक्सपेक्टेंसी को 80 करने का है।
इन वजहों से चीन मार रहा बाजी
चीन के ब्लूप्रिंट में स्वास्थ्य संबंधी ज्ञान, सही डाइट, फिटनेस, तंबाकू नियंत्रण, शराब पर बैन, मानसिक स्वास्थ्य और स्वस्थ वातावरण को बढ़ावा देना शामिल है। मेडिकल जर्नल लैंसेट ने 2021 में हांगकांग की हाई लाइफ एक्सपेक्टेंसी पर एक रिसर्च पत्र भी प्रकाशित किया है। इसमें कहा गया है कि हांगकांग की हाई लाइफ एक्सपेक्टेंसी में गरीबी के ना होने और बीमारियों के कम होने का हाथ है। विकास के साथ-साथ आर्थिक समृद्धि और धूम्रपान के कम होने से भी ये नतीजे मिले हैं।
जानें अन्य देशों का क्या है हाल
देश | साल | लाइफ एक्सपेक्टेंसी |
चीन | 2020 | 77 |
भारत | 2020 | 70 |
पाकिस्तान | 2020 | 67 |
यूके | 2020 | 81 |
यूएसए | 2020 | 77 |
जापान | 2020 | 85 |
इटली | 2020 | 82 |
स्विट्जरलैंड | 2020 | 83 |
सिंगापुर | 2020 | 84 |
ऑस्ट्रेलिया | 2020 | 83 |