पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार तख्तापलट में कथित सहयोग के बाद पाक सेना एक बार फिर चर्चा में आ गई है। इस बार भी चर्चा का कारण इमरान खान ही बने हैं। लेकिन इस बार उनके आरोपों के बाद सेना और ISI की कार्रवाई ने उसे चर्चा में लाया है।
दरअसल पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के प्रमुख ने अपने सभी कमांडरों को राजनीति से दूर रहने के कड़े आदेश जारी किए हैं। वहीं इससे पहले, पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने ISI समेत सेना कमांडरों और अधिकारियों को राजनीति से दूर रहने का निर्देश जारी किया है।
जनरल बाजवा का यह निर्देश पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पार्टी के नेताओं के उन आरोपों के बाद आया था कि देश की खुफिया एजेंसी पंजाब में आगामी उपचुनाव में ‘हेरफेर’ करने की कोशिश कर रही हैं। अखबार ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार, पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस ISI के DG लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम ने व्यक्तिगत रूप से अपने अधीनस्थों को निर्देश जारी किए हैं।
आदेश न मानने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
खबर में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि, ‘‘उन्हें कड़े शब्दों में कहा गया है कि वे राजनीति से दूर रहें और ऐसी किसी भी गतिविधि से शामिल होने से बचें।’’ खुफिया एजेंसी के प्रमुख ने कहा कि अगर आदेश को नहीं माना गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। और ऐसा करने वाले अधिकारियों को एजेंसी से निकाला भी जा सकता है।
गौरतलब है कि इससे एक दिन पहले ही सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने अपने सभी कमांडरों और प्रमुख अधिकारियों को राजनीति से दूर रहने और राजनीतिक नेताओं के साथ बातचीत से बचने के लिए निर्देश जारी किए थे। ये निर्देश इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के आरोपों के बाद दिए गए थे, जिसमें आईएसआई के कुछ अधिकारियों पर आरोप लगाया गया था कि वे पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए पंजाब में आगामी उपचुनाव में ‘हेरफेर’ करने की कोशिश कर रहे हैं। पंजाब विधानसभा की 20 सीटों पर 17 जुलाई को उपचुनाव होगा।