मुंबई में एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद एटीएस ने तीस्ता सीतलवाड़ को हिरासत में लिया था और फिर बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। तीस्ता के अलावा पूर्व आईपीएस आरबी श्रीकुमार भी गिफ्तार हुए हैं। मुंबई के सांताक्रूज थाने में तीस्ता सीतलवाड़ को रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सीतलवाड़ पर और जांच की जरूरत बताई थी। कल सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि किसके कहने पर सीतलवाड़ ने मोदी के खिलाफ 16 साल पर कैंपेन चलाया?
गुजरात दंगों पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद एक्शन
2002 गुजरात दंगों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अगले दिन गुजरात क्राइम ब्रांच ने शनिवार को तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तार कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद क्राइम ब्रांच ने तीस्ता सीतलवाड़ को अरेस्ट किया। तीस्ता को मुंबई के संता क्रूज थाने से क्राइम ब्रांच के अधिकारी अहमदाबाद लेकर जाएंगे। गिरफ्तारी से पहले उन्हें हिरासत में लिया गया था। तीस्ता को मुंबई के सांताक्रूज थाने में रखा गया था। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सीतलवाड़ पर और जांच की जरूरत बताई थी। गुजरात दंगों में सीतलवाड़ के एनजीओ की भूमिका पर सुप्रीम कोर्ट ने और जांच की जरूरत बताई थी।
तीस्ता के खिलाफ इन धाराओं में मामला दर्ज
सुप्रीम कोर्ट के अवलोकन के बाद तीस्ता सीतलवाड़ संजीव भट और आर बी श्री कुमार के खिलाफ अहमदाबाद क्राइम ब्रांच में मामला दर्ज किया गया है। क्राइम ब्रांच में सेक्शन 468, 471, 194, 211, 218, 120B के तहत मामला दर्ज किया गया। तीस्ता सीतलवाड़ संजीव भट और आर बी श्री कुमार पर आरोप है कि ज़ाकिया जाफरी की याचिका को आधार बनाकर और फर्जी दस्तावेजों को सही बताकर कानूनी प्रक्रिया का दुरूपयोग कर अलग-अलग कमीशन में पेश किये गए। इस मामले में तीस्ता सीतलवाड़ को मुंबई के उनके घर से गिरफ्तार कर लिया गया है।
तीस्ता सीतलवाड़ को इन सवालों के देने होंगे जवाब
अब तीस्ता को बताना होगा कि ये फर्जी दस्तावेज किसके कहने पर, कहां से, कैसे और किसके साथ मिलकर बनाए। सरकार को बदनाम करने के पीछे की साजिश क्या थी? तीस्ता के पिछे कौन लोग थे? इस बात का इशारा सुप्रीम कोर्ट ने भी किया है कि जानबूझकर दूसरे के इशारे पर तीस्ता ने ऐसा किया है। इस मामले में स्थानीय पुलिस में केस दर्ज करने के बाद आज क्राइम ब्रांच की टीम इसकी जांच के लिए जुहू स्थित तीस्ता के बंगले पर आई और उन्हें संताक्रूज पुलिस स्टेशन में लेकर आया गया जहां कागजी कार्यवाई कर उन्हें लेजर गुजरात क्राइम ब्रांच गई।
गुजरात क्राइम ब्रांच इस एंगल से करेगी जांच
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच इस मामले में फंडिंग के एंगल से भी जांच करेगी कि आखिर क्या किस साजिश के तहत मुंबई में रहते हुए तीस्ता ने मोदी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की। इनके पीछे कौन लोग थे और मुंबई से गुजरात और गुजरात से दिल्ली तक और इन सब के पीछे इतने फंड कहा से आते थे? क्या इसके लिए फंडिंग तीस्ता के NGO या किसी अन्य NGO से आ रही थी। तीस्ता और NGO के फाइनेंसियल ट्रांजेक्शन को भी खंगाला जाएगा। इस पूरे मामले का मोटिव समझने के लिए अहमदाबाद क्राइम ब्रांच इसके ट्रेल तक पहुंचना चाहती है। ऐसे में पेटिशनर नम्बर 2 तीस्ता सहित बाकी दोनों लोगों की मुश्किल निश्चित तौर आने वाले समय मे और बढ़ सकती है।