जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के एक असिस्टेंट प्रोफेसर को सड़क पर विवाद के बाद किडनैप करने का मामला सामने आया है। इस खबर के सामने आते ही जेएनयू परिसर समेत पूरे दिल्ली में हड़कंप मच गया है। दरअसल जेएनयू के शिक्षक निकाय ने रविवार को ये आरोप लगाया है कि जेएनयू के एक असिस्टेंट प्रोफेसर का सड़क पर कुछ विवाद हो गया, जिसके बाद कुछ लोगों ने कई घंटों तक उन्हें बंधक बनाकर रखा। इस दौरान असिस्टेंट प्रोफेसर पर शारीरिक हमला हुआ और उन्हें धमकी और वसूली जैसे चीजों से भी गुजरना पड़ा। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने आरोप लगाते हुए ये बातें कही हैं।
17-18 जून की रात का मामला
जेएनयूटीए के मुताबिक, ये मामला 17-18 जून की रात का है। ये विवाद सड़क पर वाहनों से संबंधित किसी वजह से हुआ। दरअसल असिस्टेंट प्रोफेसर शरद बाविस्कर अपनी कार से अकेले जा रहे थे। तभी कुछ बदमाशों ने उन्हें बंधक बना लिया और उन्हें डरा धमकाकर रुपए वसूल लिए। इस दौरान शरद के साथ बदतमीजी भी की गई। ऐसे में अब जेएनयूटीए ने मांग करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस दोषियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करे और पीड़ित और उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
जेएनयू के बारे में जानिए
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय भारत के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय में से एक है। इसकी स्थापना वर्ष 1966 में संसद के एक अधिनियम द्वारा हुई थी। यहां के स्टूडेंट्स आज देश के कई प्रतिष्ठित पदों पर सेवाएं दे रहे हैं। जुलाई 2012 में किए गए सर्वे में जेएनयू को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NACC) ने भारत का सबसे अच्छा विश्वविद्यालय माना था। विश्वविद्यालय को NACC ने 4 में से 3.9 ग्रेड दिया था जोकि देश में किसी भी शैक्षिक संस्थान से ज्यादा है। इस विश्वविद्यालय का नाम भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नाम पर किया गया था और प्रोफेसर जी. पार्थसारथी को विश्वविद्यालय का पहला कुलपति बनाया गया था।