कांग्रेस नेता और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अग्निपथ स्कीम को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला किया है। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिस तरह विवादित कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा था, उन्हें ठीक उसी तरह ‘अग्निपथ’ रक्षा भर्ती योजना को वापस लेकर युवाओं की मांग स्वीकार करनी होगी। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि बीजेपी सरकार 8 सालों से ‘जय जवान, जय किसान’ के मूल्यों का लगातार अपमान कर रही है।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “8 सालों से बीजेपी सरकार ने ‘जय जवान, जय किसान’ के मूल्यों का लगातार अपमान किया है। मैंने पहले भी कहा था कि प्रधानमंत्री जी को काले कृषि कानून वापस लेने पड़ेंगे। ठीक उसी तरह उन्हें ‘माफीवीर’ बनकर देश के युवाओं की बात माननी पड़ेगी और ‘अग्निपथ’ को वापस लेना ही पड़ेगा।”
वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी अग्निपथ योजना को लेकर सरकार पर हमला तेज कर दिया और केंद्र से सशस्त्र बलों में भर्ती की तैयारी कर रहे ग्रामीण युवाओं के दर्द को समझने का आग्रह किया। प्रियंका ने कहा, “सेना में भर्ती की तैयारी करने वाले ग्रामीण युवाओं का दर्द समझिए। तीन साल से भर्ती नहीं निकली। युवाओं के पैरों में दौड़-दौड़ के छाले पड़ गए। वे निराश-हताश हैं।”
उन्होंने कहा, “युवा वायुसेना में भर्ती के नतीजे एवं नियुक्ति का इंतजार कर रहे थे। सरकार ने उनकी स्थायी भर्ती, रैंक, पेंशन, रुकी भर्ती- सब छीन लिया।” प्रियंका ने सशस्त्र बलों में भर्ती को लेकर देरी के संबंध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लिखे एक पत्र की प्रति भी साझा की। इस पत्र के जरिए उन्होंने सिंह से आग्रह किया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं कि सेना में भर्ती होने के आकांक्षी युवाओं की कड़ी मेहनत का सम्मान किया जाए। उन्होंने 29 मार्च को लिखे पत्र के जरिए सशस्त्र बलों में भर्ती को लेकर युवाओं के सामने आ रही समस्याओं का मुद्दा उठाया था।
गौरतलब है कि सरकार ने मंगलवार को इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा था कि साढ़े सत्रह साल से 21 साल तक की उम्र के युवाओं को संविदा के आधार पर चार साल के कार्यकाल के लिए थलसेना, वायुसेना और नौसेना में भर्ती किया जाएगा। सरकार ने कहा था कि रक्षा जरुरतों के आधार पर 25 प्रतिशत जवानों को नियमित सेवा के लिए बरकरार रखा जाएगा।
अग्निपथ’ योजना को लेकर बढ़ते विरोध के मद्देनजर भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा गुरुवार को बढ़ाकर 23 साल कर दी गई थी। नई भर्ती योजना को सरकार ने तीनों सेनाओं में युवाओं की संख्या बढ़ाने के लिए दशकों पुरानी चयन प्रक्रिया में एक बड़े बदलाव के रूप में पेश किया है।
वहीं, ‘अग्निपथ’ योजना के विरोध के बीच शुक्रवार को कुछ राज्यों में राजमार्ग और रेलवे स्टेशन पर हिंसा देखी गई। इस दौरान तेलंगाना के सिकंदराबाद में पुलिस की गोलीबारी में एक शख्स की मौत हो गई, जबकि कुछ शहरों में रेलगाड़ियों में आग लगाए जाने और निजी एवं सार्वजनिक वाहनों में तोड़फोड़ किए जाने की घटनाएं सामने आई हैं।