भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने लोगों को चेतावनी दी है कि वे आधार कार्ड के दुरुपयोग से बचने के लिए किसी भी संगठन के साथ अपने आधार की फोटोकॉपी साझा न करें। फोटोकॉपी के बजाय UIDAI ने ‘मास्क’ वाले आधार के उपयोग का सुझाव दिया है। लेकिन इस सूचना को लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने सफाई दी है। मंत्रालय ने कहा कि इस सूचना की गलत व्याख्या की संभावना को देखते हुए इसे तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है।
दरअसल, ‘मास्क’ आधार में आपके आधार संख्या के केवल अंतिम 4 नंबर ही दिखाई देते हैं, जिसे UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट myaadhaar.uidai.gov.in से डाउनलोड किया जा सकता है।
आधार संख्या को कैसे करें वेरिफाई?
UIDAI ने जानकारी दी कि किसी भी आधार संख्या को क्रॉस चेक करने के लिए myaadhaar.uidai.gov.in/verifyAadhaar पर जाके चेक किया जा सकता है। आधार को ऑफलाइन वेरिफाई करने के लिए, आप mAadhaar मोबाइल एप में QR कोड स्कैनर का उपयोग करके eAadhaar या आधार पत्र या आधार पीवीसी कार्ड पर QR कोड को स्कैन कर सकते हैं।
ई-आधार डाउनलोड करते वक्त क्या करने से बचें?
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने कहा कि ई-आधार डाउनलोड करने के लिए इंटरनेट कैफे/कियोस्क में सार्वजनिक कंप्यूटर का उपयोग करने से बचें। हालांकि, यदि आपको ऐसा करना पड़ रहा है, तो ये सुनिश्चित करें कि आप ई-आधार की सभी डाउनलोड की गई फाइलों को उस कंप्यूटर से हमेशा के लिए डिलीट कर दें।
निजी संस्थान नहीं मांग सकते आधार की फोटोकॉपी
बताया गया है कि केवल वे संगठन जिन्हें UIDAI से यूजर लाइसेंस मिला है, वे किसी व्यक्ति की पहचान करने के लिए आधार का उपयोग कर सकते हैं। होटल या फिल्म हॉल जैसी बिना लाइसेंस वाली निजी संस्थाओं को आधार कार्ड की फोटोकॉपी जमा करने या रखने की अनुमति नहीं है। यह आधार अधिनियम 2016 के अंतर्गत एक अपराध है। यदि कोई निजी संस्था आधार कार्ड देखने की मांग करती है या आधार कार्ड की फोटोकॉपी मांगती है, तो अपना आधार देने से पहले ये जांच लें कि उनके पास UIDAI से वैध यूजर लाइसेंस है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने दी सफाई
हालांकि इस पूरे मामले पर इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने सफाई दी है। मंत्रालय ने कहा कि UIDAI बेंगलुरु कार्यालय ने 27 मई 2022 को फोटोशॉप्ड आधार कार्ड के दुरुपयोग के प्रयास के संदर्भ में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई थी। इस विज्ञप्ति में लोगों को सलाह दी गई है कि वे अपने आधार की फोटोकॉपी किसी भी संगठन के साथ साझा न करें क्योंकि इसका दुरुपयोग किया जा सकता है। बल्कि वैकल्पिक रूप से, एक मास्क वाला आधार, जो आधार संख्या के केवल अंतिम 4 अंक प्रदर्शित करता है, का उपयोग करें।
मंत्रालय ने सफाई देते हुए कहा कि इस प्रेस विज्ञप्ति की गलत व्याख्या की संभावना को देखते हुए इसे तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है। UIDAI द्वारा जारी आधार कार्ड धारकों को केवल यह सलाह दी जाती है कि वे अपने UIDAI आधार नंबरों का उपयोग और साझा करने में सामान्य विवेक का प्रयोग करें। आईटी मंत्रालय ने अपनी सफाई देते हुए विज्ञप्ति में कहा कि आधार पहचान प्रमाणीकरण पारिस्थितिकी तंत्र ने आधार धारक की पहचान और गोपनीयता की सुरक्षा के लिए पर्याप्त सुविधाएं प्रदान की हैं।