केबिनेट मंत्री के कॉलेज से लीक हुए मध्यप्रदेश प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग-3 (Madhya Pradesh Primary Teacher Eligibility Test Class-3) के पेपर की वजह से PEB ने रिजल्ट जारी करने पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है। इसी वजह से मध्यप्रदेश के प्राथमिक शिक्षक पात्रता (MPTET) परीक्षा वर्ग-3 परीक्षा निरस्त होने की कगार पर है। जिसके चलते राज्य के 10 लाख से अधिक उम्मीदवारों का भविष्य दांव पर लग गया है।
एग्जाम के पर्चे का स्क्रीनशॉट सागर में बनाए गए एग्जाम सेंटर से लीक हुआ था। मध्यप्रदेश एजेंसी फॉर प्रमोशन ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MAPIT) ने जांच कर बता दिया कि वायरल स्क्रीनशॉट सही है। उसने डिटेल प्रारंभिक रिपोर्ट में लीक करने का तरीका भी बताया। अब प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (PEB) को परीक्षा पर फैसला लेना है कि रद्द करें, तो उसका लेवल और तरीका क्या हो? बोर्ड की डायरेक्टर षणमुख प्रिया मिश्रा का कहना है कि जांच रिपोर्ट मिल गई है। जल्द निर्णय करेंगे।
रिजल्ट 45 दिन में आना था, दो माह से ज्यादा समय बीता
25 मार्च को वर्ग-3 भर्ती पात्रता परीक्षा का आखिरी पेपर था। इसी पेपर का स्क्रीनशॉट वायरल हुआ था। पेपर लीक के आरोपों पर जांच MAPIT (मध्यप्रदेश एजेंसी फॉर प्रमोशन ऑफ इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी) को दी गई। रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि वायरल स्क्रीनशॉट परीक्षा सेंटर से बाहर का है, लेकिन प्रश्नपत्र असली था। यानी परीक्षा के सिस्टम में सेंधमारी हुई। जांच रिपोर्ट में परीक्षार्थी, परीक्षा केंद्र, परीक्षा एजेंसी और इनविजिलेटर की भूमिका पर सवाल उठे हैं। ये भी कहा है कि ये धांधली संगठित गिरोह ने अंजाम दी है। इस रिपोर्ट के बाद न एग्जाम पर फैसला हुआ, न ही रिजल्ट जारी हो पा रहा है। परीक्षा नियम पुस्तिका के हिसाब से जो रिजल्ट 45 दिन में आना था, इसे 60 दिन से ज्यादा हो गए हैं।
गड़बड़ी की जांच पुलिस करेगी
बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि MAPIT की रिपोर्ट का परीक्षण कराया जा रहा है। धांधली की यह रिपोर्ट पुलिस को भेजी जाएगी। पुलिस फिर नए सिरे से इस मामले में धांधली की जांच करेगी। इसी आधार पर इसमें अलग-अलग आरोपियों के नाम तय होंगे। पुलिस इस बात की भी जांच करेगी कि सागर के अलावा प्रदेश के और किन-किन सेंटर्स में परीक्षा में गड़बड़ी हुई थी।
पहले भी रद्द हुए हैं एग्जाम
10 व 11 फरवरी 2021 को आयोजित कृषि विस्तार अधिकारी में भी धांधली की शिकायत सही पाई गई थी। जनवरी में दो अन्य परीक्षाओं स्टाफ नर्स और नर्सिंग सिस्टर की परीक्षाओं में भी गड़बड़ी की शिकायत सही पाई गई थी। MPSEDC की जांच रिपोर्ट के आधार पर इन परीक्षाओं को भी रद्द कर दिया गया था। यही वजह है कि इस बार भी वर्ग-3 की परीक्षा के रिजल्ट पर निर्णय लेने में देर हो रही है।
नाम बदले गए, पर बदनामी कम नहीं
प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड का एक बार फिर नाम बदल गया है। अब इसका नया नाम कर्मचारी चयन बोर्ड होगा। यह अब सीधे सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन काम करेगा। इससे पहले PEB तकनीकी शिक्षा विभाग के तहत काम करता था। पांच साल में संस्थान का यह तीसरा नाम है। व्यवसायिक परीक्षा मंडल यानी व्यापमं का नाम बदलकर 2016 में PEB रखा गया था।