बुलडोजर मामले पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने मनीष तिवारी के बुलडोजर पर लिखे एक आर्टिकल का जवाब देते हुए कहा कि क्या कांग्रेस पार्टी में मनीष तिवारी से लेकर राहुल गांधी तक हर कोई भूलने की बीमारी से पीड़ित हैं या क्या वे अपने अतीत के बारे में केवल गलत जानकारी रखते हैं? उन्होंने अपने ट्वीट संदेश में कहा कि नाजियों और यहूदियों को भूल जाइए, भारत में इंदिरा गांधी ने सबसे पहले तुर्कमान गेट पर अल्पसंख्यकों पर बुलडोजर के इस्तेमाल का आदेश दिया था। अमित ने कहा कि वहीं अप्रैल 1976 में, आपातकाल के दौरान, इंदिरा गांधी के पुत्र संजय गांधी ने मुस्लिम पुरुषों और महिलाओं को जबरन नसबंदी कराने के लिए मजबूर किया। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो तुर्कमान गेट पर बुलडोजर चलाए गए। 20 लोगों की मौत हो गई थी।
जानिए मनीष तिवारी ने ‘बुलडोजर’ पर क्या कहा था?
मनीष तिवारी ने अपने एक आर्टिकल में लिखा था कि दिल्ली और देश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक संघर्ष से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के घरों और आजीविका को नष्ट करने के लिए बुलडोजर हाल ही में ‘पसंद की गदा’ के रूप में बहुत चर्चा में रहा है। वास्तव में सुप्रीम कोर्ट को ‘बुलडोजर’ के उपयोग पर रोक लगाने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा, जिसे ‘अवैध अतिक्रमण’ हटाने के लिए एक नियमित अभियान के रूप में सख्ती से तैनात किया जा रहा था। दिखावा इतना कमजोर है कि अगर इसके निहितार्थ बहुत ज्यादा नहीं होते तो यह लगभग उपहासपूर्ण होता।
मनीष ने लिखा था कि यह स्पष्ट है कि ‘बुलडोजर सिंड्रोम’ हमारे सिस्टम की संस्थागत हार्ड ड्राइव में घुस गया है। समय आ गया है कि उन भारतीय और विदेशी कंपनियों के खिलाफ एक देशव्यापी आंदोलन खड़ा किया जाए, जिनके बुलडोजर और जे.सी.बी. जैसे अन्य भारी उपकरणों का इस्तेमाल नफरत और कट्टरता को बढ़ावा देने के विकृत और दुर्भावनापूर्ण उद्देश्यों के लिए देश के कानून की घोर अवमानना और उल्लंघन में किया जाता है।