कोई जुर्म करना और फिर उस जुर्म के सबूत मिटाने वाले लोग कानून और पुलिस की निगाह में पेशेवर अपराधी माने जाते हैं। लेकिन क्या हो जब किसी इंसान के किए हुए अपराध के सबूत कोई जानवर मिटा दे। राजस्थान में कुछ ऐसा ही हुआ जहां हत्या के मामले के सबूत एक बंदर ले उड़ा, इन सबूतों में मर्डर वेपन यानी कि जिस चाकू से खून हुआ वह भी शामिल था। राजस्थान पुलिस ने यह बयान जयपुर की निचली अदालत में दिया।
क्या है मर्डर केस-
राजस्थान के जयपुर की निचली अदालत का में पुलिस के मुताबिक मामला सितंबर 2016 में चांदवाजी पुलिस थाने के अंर्तगत आने वाले एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर शशिकांत शर्मा नाम के व्यक्ति की मौत हो गई थी। शव मिलने के बाद मृतक के परिचितों और रिश्तेदारों ने मामले की जांच की मांग करते हुए जयपुर-दिल्ली हाईवे जाम कर दिया था। पांच दिन बाद इस मामले में पुलिस ने चांदवाजी के रहने वाले राहुल कंदेरा और मोहनलाल कंदेरा को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने इन दोनों को हत्या के आरोप में अतिरिक्त जिला जज की कोर्ट में पेश किया गया था। लेकिन जब कोर्ट में सुबूत के आधार पर दोष साबित करने की आई तो पुलिस ने कोर्ट में कहा कि मर्डर के सुबूत बंदर ने चुरा ले गया। पुलिस ने बताया कि इन सुबूतों में वह चाकू भी शामिल था, जिससे हत्या को अंजाम दिया गया था।
सबूत ले भागा बंदर-
बता दें कि इस मामले से जुड़े सभी सुबूत पुलिस एक बैग में रखकर अदालत ले जाती थी। बैग में हत्या में इस्तेमाल चाकू के साथ-साथ 15 अन्य अहम सुबूत भी रखे हुए थे। मालखाना में जगह न होने के चलते सुबूतों से भरा बैग एक पेड़ के नीचे रखा हुआ था। हाल ही में कोर्ट ने मामले में सुबूत पेश करने को कहा तो पुलिस ने बैग के बंदर द्वारा चोरी करने की बात की। पुलिस ने यह बात कोर्ट में लिखित रूप में दी है।