देश में चल रहे बिजली संकट को लेकर गृहमंत्री अमित शाह के घर पर बड़ी बैठक चल रही है। इस बैठक में कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी, उर्जा मत्री आरके सिंह और रेल मंत्री अश्विणी वैष्णव भी मौजूद हैं। दरअसल अलग अलग राज्यों के मुख्यमंत्री के बयान आए थे कि इन राज्यों को कोयला नहीं मिल पा रहा है जिसकी वजह से बिजली संकट खड़ा हो रहा है जिसे देखते हुए गृहमंत्री ने ये बैठक बुलाई है। बैठक के लिए कोयला और ऊर्जा सचिव समेत कई बड़े अधिकारियों को भी बुलाया गया है।
बैठक में कोयले के ट्रांसपोर्टेशन को लेकर बातचीत हो रही है। इसमें कोयले की सप्लाई को कैसे बाधित होने से रोका जाए इसपर मंथन किया जाएगा ताकि सभी राज्यों में कोयले की सप्लाई ठीक से हो सके और बिजली संकट को रोका जा सके।
देश के 12 राज्यों में बिजली संकट
इस वक्त ज्यादातर राज्यों में जहां गर्मी प्रचंड पड़ रही है वहीं, बिजली की कमी की भी समस्या सामने आ पड़ी है। कई राज्यों में लोड शेडिंग के चलते घंटों बिजली गुल होने की शिकायतें आ रही हैं। इस हालात के दोनों कारण है- एक तो बिजली घरों में कोयले के स्टॉक का कम होना और दूसरा बढ़ती गर्मी के चलते बिजली की डिमांड का रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाना। अखिल भारतीय बिजली इंजीनियर महासंघ (AIPEF) के मुताबिक राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश समेत 12 राज्य बिजली संकट से जूझ रहे हैं। AIPEF के प्रवक्ता वीके गुप्ता का कहना है कि गर्मी के दिनों में बिजली की मांग बढ़ जाती है ऐसे में बिजली प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए ज्यादा कोयले की जरुरत होती है।
बिजली उत्पादन में 70% कोयले का उपयोग
आपको बता दें कि भारत करीब 200 गीगावॉट बिजली यानी करीब 70% बिजली का उत्पादन कोयले से चलने वाले प्लांट्स से करता है। देश में कोयले से चलने वाले 150 बिजली के प्लांट्स है। पिछले दिनों बिजली संकट गहराने पर बिजली प्लांट्स तक कोयला ले जाने वाली ट्रेनों को रास्ता देने के लिए रेलवे ने ट्रेनों के 670 फेरे रद्द कर दिए थे।