कंगाल पाकिस्तान में भले ही सत्ता बदल गई हो, लेकिन कटोरा लेकर कर्ज की भीख मांगने की आदत अभी भी छूटी नहीं है। छूटे भी कैसे, कर्ज से ही तो देश चलता है। लिहाजा, शहबाज शरीफ पीएम बनते ही कर्ज लेने के लिए तीन दिन की यात्रा पर सऊदी अरब पहुंच गए। उनका मकसद सऊदी से 3.2 अरब डॉलर का कर्ज हासिल करना है। लेकिन वहां उनके ही देश के लोगों ने नारेबाजी की और उन्हें ‘चोर’ कहकर बेआबरू कर दिया। शरीफ करें भी तो क्या। इमरान से सत्ता तो छीनी, लेकिन तब तक इमरान खान देश को ऐतिहासिक कर्ज में डुबो चुके थे। आइए, सिलसिलेवार तरीके से समझते हैं कि इमरान ने अपने कार्यकाल में पाकिस्तान को कर्ज में कैसे और कितना डुबोया। सउदी अरब से कर्ज की इमदाद पाने के लिए क्या हदें पार कर दीं।
इमरान ने कैसे बिगाड़ा पाक का ‘अर्थतंत्र’
- कभी क्रिकेट वर्ल्ड कप उठाकर देश की आंखों का तारा बने इमरान राजनीति की पिच फिसड्डी ही साबित हुए है। क्योंकि इमरान खान ने पिछले कुछ सालों में जितने भी फैसले लिए हैं, वो पाकिस्तान पर भारी पड़े हैं। करीब 44 महीनों की इमरान की सरकार के दौरान पाकिस्तान में महंगाई चरम पर रही, आज उसकी जीडीपी और रुपए दोनों की हालत खस्ता है।
- इमरान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान की जीडीपी 315 अरब डॉलर से गिरकर 264 अरब डॉलर की रह गई। महंगाई ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। वहीं फरवरी 2022 में में रिटेल महंगाई 12.2% और होलसेल महंगाई 23.6% तक पहुंच गई।
- पाकिस्तानी रुपया लगातार कमजोर हो रहा है, इमरान के सत्ता संभालने के समय 1 अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 109 पाकिस्तानी रुपए की कीमत थी, जो अब गिरकर 1 डॉलर के मुकाबले 186 पाकिस्तानी रुपए हो गई है।
- वहीं इस साल जनवरी में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स 13% तक पहुंच गया, जो 2 सालों में उच्चतम स्तर पर है। यानी इमरान के राज में पाकिस्तान में अर्थव्यवस्था सुधरने के बजाय और रसातल में पहुंचती गई।
अब जानिए पाक की बदहाल अर्थव्यवस्था के हाल
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था आजादी के बाद से ही कभी भी ठीक से पटरी पर नहीं आ पाई है। भारत के साथ चार बड़े युद्ध और ताकतवर भारत से मुकाबला करने की जद्दोजहद में पाक की अर्थव्यवस्था कभी नहीं संभल पाई। जबकि पूर्वी पाकिस्तान यानी 1971 में आजाद हुआ बांग्लादेश भी उससे कहीं आगे निकल गया। आज पाक में लोग महंगाई से बेहाल हैं। पेट्रोल-डीजल, बिजली और घरेलू ईंधन की कीमतों पर अंकुश लगाने में सरकार नाकाम साबित हुई है। शेयर बाजार डांवाडोल हैं। देनदारी चुका पाने में डिफॉल्ट का खतरा बढ़ रहा है। डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी मुद्रा (रुपये) हांफ रही है। अमेरिकी मुद्रा की तुलना में पाकिस्तानी रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। अब आईएमएफ से लोन लेकर अपने फॉरेन रिजर्व को बढ़ाने के रास्ते भी पाकिस्तान ने करीब-करीब बंद कर लिए हैं। तमाम एशियाई मुल्कों में जहां सबसे तेजी से महंगाई बढ़ रही है, उनमें पाकिस्तान दूसरे नंबर पर है।
इमरान ने पाक को कितना कर्ज में डुबोया?
‘नया पाकिस्तान’ का नारा देकर सत्ता पाने वाले इमरान खान ने पाकिस्तान की जनता को सिर्फ अपने राज में 18 लाख करोड़ रुपए के कर्ज में डुबा दिया। तब्दीली की बात करके सत्ता पाने वाले इमरान खान ने अपने राज में पाकिस्तान की जनता पर प्रति दिन 1400 करोड़ रुपए का कर्जा थोप दिया।
2018 में जो इमरान कहते थे कि मुल्क चलाने लायक पैसा नवाज शरीफ, बेनजीर की सरकारों ने नहीं छोड़ा। वही हाल इमरान खान के कार्यकाल में भी बदस्तूर जारी रहा।
75 साल में जितना कर्जा किसी सरकार ने नहीं छोड़ा, उससे ज्यादा उधारी इमरान पाकिस्तानियों के सिर पर चढ़ा गए। पाकिस्तान पर फरवरी 2022 तक कर्ज चढ़कर 43 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपए हो गया था। इसमें से अकेले 18 लाख करोड़ रुपए का उधार वाला कर्ज साढ़े तीन साल में इमरान खान ने पाकिस्तान चलाने के लिए लिया।
सउदी ने पाक को अपनी शर्तों पर दिया कर्ज
अब समझते हैं कि कर्ज में डुबा पाकिस्तान कटोरा लेकर सउदी अरब क्यों जाता है। दरअसल, सउदी और पाक का रिश्ता पुरानी बॉलीवुड फिल्मों के साहूकार और गरीब किसान की तरह है। सउदी ने अपनी शर्तों पर ही हमेशा पाक को लोन दिया।
इमरान के कार्यकाल में दिसंबर 2021 पाकिस्तान को सऊदी अरब ने एक साल के लिए तीन अरब डॉलर की नकद जमा राशि देने पर सहमति जताई थी, लेकिन शर्त यह रखी थी कि पाक 3 दिन के नोटिस पर इसे किसी भी समय वापस करने को बाध्य होगा।
जब सउदी प्रिंस के स्वागत के लिए ड्राइवर तक बन गए थे इमरान
अब जानिए वो उदाहरण जो सउदी अरब पर पाकिस्तान की निर्भरता किस कदर है, इस बात की तस्दीक कराता है। दरअसल, सऊदी अरब के प्रिंस जब 2019 में पाकिस्तान आए थे, तब उनके स्वागत में खुद पाक पीएम इमरान खान उनके ड्राइवर बन गए थे। किसी राष्ट्राध्यक्ष का यूं ड्राइवर बन जाना प्रोटोकॉल से परे भी था और फूहड़ भी। यही कारण रहा कि सोशल मीडिया में इमरान का खूब मजाक उड़ा। ये वो ही सउदी अरब है जो इस्लामी संगठन के देशों के सम्मेलन में इमरान के कश्मीर राग अलापने के बावजूद उनके सामने ही भारत की तारीफ करता रहा है और बेबस पाक सउदी अरब के सामने कुछ नहीं बोल पाता।
इमरान को अपदस्थ कर शहबाज शरीफ पीएम बने और सउदी अरब गए, कल कोई और पीएम होगा। यानी पीएम बदलते जाएंगे, लेकिन नहीं बदलेगा तो गले-गले तक कर्ज में डूबे पाक का कटोरा लेकर बार-बार सउदी अरब के चक्कर काटना।