असम पुलिस ने एक ट्वीट के सिलसिले में गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी को राज्य के पालनपुर शहर से बुधवार देर रात गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मेवानी को बृहस्पतिवार तड़के हवाई मार्ग से असम ले जाया गया। मेवानी के सहयोगी सुरेश जाट ने बताया कि गुजरात के प्रमुख दलित नेता मेवानी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-153ए के तहत प्राथमिकी दर्ज होने के तुरंत बाद गिरफ्तार किया गया, जो समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने से संबंधित अपराधों से जुड़ी हुई है। यह प्राथमिकी असम के कोकराझार थाने में दर्ज कराई गई थी।
जाट ने कहा, ‘‘असम पुलिस के अधिकारियों द्वारा साझा किए गए एक दस्तावेज के अनुसार, मेवानी के कुछ दिन पुराने एक ट्वीट के आधार पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। हालांकि, इस ट्वीट को ट्विटर ने हटा दिया है।’’ उन्होंने बताया कि यह ट्वीट नाथूराम गोडसे के बारे में था। जाट के मुताबिक, मेवानी को पहले सड़क मार्ग से पालनपुर से अहमदाबाद लाया गया और फिर बृहस्पतिवार सुबह हवाई मार्ग से असम ले जाया गया। मेवानी बनासकांठा की वडगाम सीट से निर्दलीय विधायक चुने गए थे। वह हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
मेवानी के कार्यालय ने एक बयान जारी कर बताया कि असम पुलिस ने उन्हें पालनपुर सर्किट हाउस से बुधवार रात साढ़े 11 बजे गिरफ्तार किया। गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर और अन्य कांग्रेसी नेता उनकी गिरफ्तारी की खबर मिलने के बाद अहमदाबाद हवाई अड्डे पहुंचे और भारतीय जनता पार्टी की सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
वहीं, आपको बता दें कि गुजरात में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में असम पुलिस की कार्रवाई पार्टी को झटका देने वाला बताया जा रहा है। जाहिर है प्रदेश में जिग्नेश मेवाणी को कांग्रेस का बड़ा चेहरा हैं। उनकी गिरफ्तारी से सूबे की सियासत गरमा गई है।