संसद में सत्ता और विपक्ष के नेताओं की मुलाकात अमूमन आम बात है। संसद भवन में बजट सत्र चल रहा है। विपक्ष महंगाई, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों समेत अन्य मुद्दों पर सरकार को घेर रहा है। इस बीच संसद भवन में एक दिलचस्प तस्वीर सामने आई है जो सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर की जा रही है। मंगलवार को संसद में जब पूर्व गृह एवं वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और मौजूदा गृहमंत्री अमित शाह की मुलाकात हुई तो फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
मुलाकात में दोनों के बीच क्या हुआ?
संसद के बजट सत्र में शामिल होने के दौरान अमित शाह और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम आमने-सामने आ गए तो दोनों नेताओं ने एक-दूसरे का मुस्कुराते हुए अभिवादन किया। हालांकि, दोनों नेताओं के बीच कोई औपचारिक बातचीत नहीं हुई। संसद में तल्खी के बीच राजनीतिक हलकों में दोनों नेताओं का एक-दूसरे के प्रति कड़ा रुख अक्सर चर्चा का विषय बना रहा है। पूर्व गृहमंत्री चिंदबरम लगातार बीजेपी पर हमलावर रुख अपनाए रखते हैं।
हाल में पी चिंदबरम ने फ्यूल टैक्स को लेकर मोदी सरकार को घेरा था
कांग्रेस नेता पी चिंदबरम आर्थिक नीतियों को लेकर अक्सर मोदी सरकार की आलोचना करते रहते हैं। हाल ही में उन्होंने फ्यूल टैक्स कलेक्शन को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल खड़े किए थे। चिंदबरम ने कहा था कि मोदी सरकार के 8 साल में केंद्र सरकार ने 26,51,919 करोड़ रुपये ईंधन कर के रूप में जुटाए। भारत में लगभग 26 करोड़ परिवार हैं। इसका मतलब है कि केंद्र सरकार ने हर परिवार से औसतन 1,00,000 रुपये ईंधन कर के रूप में एकत्र किए हैं! हालांकि, चिदंबरम के इस दावे पर सवाल भी उठाए गए थे।
जब शाह गए थे जेल, चिदंबरम के पास थी कमान
मामला 2010 का है। अमित शाह गुजरात में नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्री थे। उन दिनों सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर की खूब चर्चा थी। केंद्र सरकार में यूपीए की सरकार थी। मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे और पी. चिदम्बरम गृहमंत्री। केंद्र सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश दिए। सीबीआई गृहमंत्री के अधीन ही होती है। सीबीआई ने 25 जुलाई 2010 को इस मामले में अमित शाह को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी से पहले अमित शाह ने बीजेपी ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को झूठा और राजनीति से प्रेरित बताया था। उन्होंने कहा था कि न्यायपालिका में ये मामला टिक नहीं पाएगा। इस मामले में अमित शाह को 3 महीने तक जेल में रहना पड़ा था। उन्हें 29 अक्टूबर 2010 को जमानत मिली। लेकिन जमानत के बाद भी उनके गुजरात जाने पर पाबंदी लगा दी गई।