ऐसी खबर है कि न्यूजीलैंड सेना के एक पूर्व सैनिक युद्धग्रस्त यूक्रेन पहुंचकर आम नागरिकों को युद्ध प्रशिक्षण देने में मदद कर रहे हैं तथा कई अन्य पूर्व सैनिक इस काम के लिए यूक्रेन पहुंचने की योजना बना रहे हैं। इसके साथ ही एक महत्वूपर्ण सवाल खड़ा हो रहा है कि कानूनी रूप से इसका क्या प्रभाव है और पूर्व सैनिकों द्वारा उठाए जा रहे इस तरह के कदमों के क्या जोखिम हो सकते हैं?
देखना होगा कि यूक्रेन की रक्षा के लिए स्वयंसेवकों की संख्या बढ़कर 20,000 तक होने की सूरत में न्यूजीलैंड कैसे प्रतिक्रिया देता है, जिसमें 50 से अधिक देशों के स्वयंसेवक शामिल हैं। दूसरे देश में जाकर लड़ने से संबंधित कानूनी पहलुओं पर भी नजर डालना आवश्यक है। ऐसे में सबसे पहले तो ये समझना जरूरी है कि ”विदेशी भर्ती” और ”विदेश में जाकर लड़ने” में क्या अंतर है।
जानिए क्या है पूरी सच्चाई?
‘विदेशी भर्ती’ के अंतर्गत कुछ लोग दूसरे देश की सेना में शामिल हो जाते हैं जबकि ‘विदेश में जाकर लड़ने’ का आशय ऐसे लोग से है जो एक समूह बनाकर स्वयंसेवक के तौर पर हथियार उठाते हैं। सामान्य तौर पर ‘विदेशी भर्ती’ की सूरत में कम समस्याएं सामने आती हैं क्योंकि इसमें एक व्यक्ति का दूसरे देश में जाकर सेना में भर्ती होना उसके मूल देश के कानून पर निर्भर करता है कि वो अपने नागरिक को दूसरे देश की सेना के लिए लड़ने की अनुमति देता है या नहीं?
साथ ही उस देश का कानून किसी विदेशी को अपनी सेना में लड़ाई के लिए भर्ती करने की अनुमति देता है या नहीं, यह भी एक महत्वपूर्ण कानूनी तथ्य है। आमतौर पर न्यूजीलैंड अपने नागरिकों को किसी दूसरे देश की सेना में शामिल होने से नहीं रोकता। वहीं, यूक्रेन में वर्ष 2016 में पारित किया गया एक कानून भी यूक्रेनी सेना में विदेशी नागरिकों की भर्ती की छूट प्रदान करता है।
इस साल फरवरी में यूक्रेन में यह घोषणा की गई थी कि अंतरराष्ट्रीय सेना देश के सशस्त्र बलों का हिस्सा बनेगी। इसके विपरीत ”विदेश में जाकर लड़ने” संबंधी घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय कानून सदैव ही संघर्ष की प्रकृति और संदर्भ पर निर्भर करते हैं। न्यूजीलैंड में भाड़े की गतिविधियों पर प्रतिबंध है और इससे संबंधित कानून की परिभाषा भी अपेक्षाकृत सीमित है। इसके तहत एक मापदंड यह भी है कि अगर कोई व्यक्ति निजी लाभ के लिए दूसरे देश की सेना में शामिल होता है तो उसे स्थानीय सैनिक के मुकाबले अधिक भुगतान किया जाना चाहिए।
न्यूजीलैंड का आतंकवाद-रोधी कानून भी विदेश में जाकर लड़ने से जुड़ा है लेकिन यह केवल ऐसी सूरत में लागू होता है, जब कोई व्यक्ति आतंकी गतिविधियों का हिस्सा हो। इन दो श्रेणियों के अलावा विदेशी में जाकर लड़ाई को नियंत्रित करने वाला न्यूजीलैंड में कोई विशिष्ट कानून नहीं है इसलिए ऐसा कुछ भी नहीं है जो किसी व्यक्ति को यूक्रेन में स्वेच्छा से लड़ने से रोकता है।