तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन ने अपने देश तुर्की का नाम बदल दिया है। अब तुर्की को तुर्किये (Turkiye) के नाम से जाना जाएगा। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रपति एर्दोगन ने एक बयान जारी कर कहा था कि उन्होंने देश के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त नाम को तुर्की से तुर्किये में बदल दिया है। उन्होंने यह भी बताया था कि तुर्किये शब्द तुर्की राष्ट्र की संस्कृति, सभ्यता और मूल्यों को बेहतरीन तरीके से दर्शाता है और व्यक्त करता है। अब सभी तरह के व्यापार, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और राजनयिक कार्यों के लिए तुर्की की जगह तुर्किये का इस्तेमाल किया जाएगा।
टर्किश भाषा में तुर्की को तुर्किये कहा जाता है। 1923 में पश्चिमी देशों के कब्जे से आजाद होने के बाद तुर्की को तुर्किये नाम से ही जाना गया। सदियों से यूरोपीय लोग इस देश को पहले ओटोमन स्टेट और फिर तुर्किये नाम से संबोधित किया लेकिन जो नाम सबसे अधिक चर्चा में रहा वह लैटिन में तुर्किया था। बाद में यह तुर्की में बदल गया और इसी को आधिकारिक नाम बना दिया गया। अगर कोई गूगल में तुर्की टाइप करे तो उसे इमेज, ऑर्टिकल्स और डिक्शनरी की परिभाषाओं का एक गड़बड़ सेट मिलेगा। इसमें टर्की नाम का एक विशाल पक्षी भी दिखाई दे देगा, जिससे उत्तरी अमेरिका में क्रिसमस या थैंक्सगिविंग के दौरान कई प्रमुख डिशेज बनाई जाती है।
लोगों का कहना है कि नाम के कारण दुनिया उन्हें और उनकी विशिष्ट पहचान को देखती है। यही कारण है कि हाल के वर्षों में कई देशों, राज्यों और शहरों ने अपने नाम को बदला है।
बता दें कि हाल ही में, नीदरलैंड ने दुनिया में अपनी छवि को आसान बनाने के लिए “हॉलैंड” नाम को हटा दिया। उससे पहले, “मैसेडोनिया” ने ग्रीस के साथ एक राजनीतिक विवाद के कारण नाम बदलकर उत्तरी मैसेडोनिया कर दिया था। 1935 में ईरान ने अपना नाम फारस से बदल लिया था। पश्चिमी देशों में फारस शब्द का इस्तेमाल किया जाता था। फारसी में ईरान का अर्थ पर्शियन है। उस समय यह महसूस किया गया था कि देश को स्थानीय रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले नाम से ही पुकारना चाहिए, न कि ऐसा नाम जो बाहर के लोग जानते हैं।