सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया गुरुवार 27 जनवरी को आधिकारिक रूप से टाटा समूह के हाथ में चली गई। इस मौके पर एयरइंडिया के मुख्यालय एयरलाइंस हाउस पहुंचे टाटा संस के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन ने कहा कि हम पूरी तरह से खुश हैं कि यह प्रक्रिया पूरी हो गई है और एयर इंडिया को टाटा समूह में वापस पाकर खुशी हो रही है। हम एक विश्व स्तरीय एयरलाइन बनाने के लिए सभी के साथ चलने के लिए उत्सुक हैं।
वहीं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव ने घोषणा करते हुए बताया कि एयर इंडिया का रणनीतिक विनिवेश लेनदेन आज सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें प्रबंधन नियंत्रण के साथ एयर इंडिया के 100% शेयरों को टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित किया गया। सामरिक भागीदार के नेतृत्व में एक नए बोर्ड ने एयर इंडिया का कार्यभार संभाल लिया है।
सरकार ने डील को किया नोटिफाई
सरकार ने आज टाटा समूह द्वारा एयर इंडिया के अधिग्रहण से पहले, गैर-प्रमुख संपत्तियों के हस्तांतरण के लिए राष्ट्रीय एयरलाइन और विशेष प्रयोजन इकाई ‘एआईएएचएल’ के बीच समझौते को अधिसूचित कर दिया है। सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में एयर इंडिया की बिक्री के लिए टाटा समूह के साथ 18,000 करोड़ रुपये में शेयर खरीद समझौता किया था।
क्या है डील
टाटा समूह 2,700 करोड़ रुपये नकद चुकाएगा और एयरलाइन का 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज अपना लेगा। सौदे में एयर इंडिया एक्सप्रेस और उसकी इकाई एआईएसएटीएस की बिक्री भी शामिल है। हस्तांतरण प्रक्रिया से पहले, 24 जनवरी को निवेश और ने एयर इंडिया लिमिटेड और एआई एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) द्वारा और उनके बीच एयरलाइन की संपत्तियों के हस्तांतरण के लिए किए गए समझौते की रूपरेखा को अधिसूचित किया।
2019 में हुई एआईएएचएल की स्थापना
एआईएएचएल की स्थापना 2019 में सरकार ने एयर इंडिया समूह की ऋण और गैर-प्रमुख संपत्ति रखने के लिए की थी। एयर इंडिया की चार अनुषंगी -एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड, एयरलाइन अलाइड सर्विसेस लिमिटेड, एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेस लिमिटेड और होटल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ-साथ गैर प्रमुख संपत्तियों आदि को विशेष प्रयोजन इकाई में स्थानांतरित किया गया था।