जर्मनी की संसद ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद देश के 9वें चांसलर के तौर पर ओलाफ स्कोल्ज को निर्वाचित कर दिया है। इसके साथ ही एंजेला मर्केल के 16 साल के कार्यकाल के बाद यूरोपीय संघ के सबसे घनी आबादी वाले देश में एक नए युग की शुरुआत हो गयी है। स्कोल्ज सरकार जर्मनी के आधुनिकीकरण और जलवायु परिवर्तन से लड़ने की भारी उम्मीदों के बीच कार्यभार संभालने जा रही है लेकिन अभी उसके सामने देश में कोरोना वायरस महामारी से निपटने की चुनौती है।
स्कोल्ड को मिला 395 सासंदों का समर्थन
स्कोल्ज को बुधवार को 395 सांसदों का समर्थन मिला। उनके 3 दलों वाले गठबंधन के पास 736 सीट वाले संसद के निचले सदन में 416 सीटें हैं। स्कोल्ज 2011-18 के बीच हैमबर्ग शहर के मेयर भी रहे हैं और इस दौरान उन्होंने शहर की वित्तीय सेहत सुधारने में कामयाबी हासिल की थी। मेयर के रूप में एक शानदार करियर के बाद वह बुंडेस्टाग (जर्मन संसद) के सदस्य बन गए। उत्तर-पश्चिमी जर्मनी के ओस्नाब्रक इलाके से आने वाले स्कोल्ज युवावस्था में ही राजनीति में शामिल हो गए थे और समाजवादी आंदोलन का हिस्सा बन गए थे। स्कोल्ज को एक रूढ़िवादी नेता माना जाता है।
रेकॉर्ड बनाकर सत्ता से विदाई ले रही हैं मर्केल
वहीं, जर्मनी की पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल भले ही सत्ता से दूर हो गई हैं, लेकिन 16 साल के अपने कार्यकाल में उन्होंने इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया है। मर्केल, 22 नवंबर 2005 को जर्मनी की चांसलर बनने वाली पहली महिला थीं। अपने रेकॉर्ड कार्यकाल में मर्केल (67) ने विदेशों में सराहना और देश में काफी लोकप्रियता हासिल की। पूर्व वैज्ञानिक मार्केल कम्युनिस्ट विचारधारा वाले पूर्वी जर्मनी में पली-बढ़ीं। मर्केल ने अपने कार्यकाल में 4 अमेरिकी राष्ट्रपतियों, 4 फ्रांसीसी राष्ट्रपतियों, 5 ब्रिटिश प्रधानमंत्रियों और 8 इतालवी प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया।