Amit Shah On Nagaland Civilian Killings: गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में नगालैंड में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में कई नागरिकों की मौत की घटना पर बयान दिया। अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार नगालैंड की घटना पर अत्यंत खेद प्रकट करती है और मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताती है। उन्होंने फायरिंग पर अफसोस जताते हुए कहा कि गलत पहचान की वजह से यह घटना हुई। उन्होंने कहा कि मामले में उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं और राज्य में शांति व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। मैंने नगालैंड के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की है।
नगालैंड मामले की एक महीने में जांच पूरी करेगी एसआईटी- शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि नगालैंड की घटना की विस्तृत जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है जिसे एक महीने के अंदर जांच पूरी करने को कहा गया है। सभी एजेंसियों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि भविष्य में विद्रोहियों के खिलाफ अभियान चलाते समय इस तरह की किसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो। अमित शाह ने बताया कि भीड़ के हिंसा करने पर सुरक्षाबलों को गोलियां चलानी पड़ी। शाह ने बताया कि सुरक्षाबलों ने गाड़ी को रुकने का इशारा किया था, रुकने की बजाए गाड़ी तेजी से निकली। जांच के बाद ये गलत पहचान का मामला निकला।
गृह मंत्री ने लोकसभा में कहा कि 14 नागरिकों की मौत पर केंद्र सरकार को अफसोस है। अमित शाह ने सुरक्षा बलों का बचाव करते हुए कहा कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए जवानों को गोली चलानी पड़ी थी। पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को संभालने की कोशिश की है। राज्य के डीजीपी और कमिश्नर ने भी इलाके का दौरा किया है। शाह ने कहा कि सभी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में इस तरह की कोई भी घटना न हो। इलाके में शांति के लिए आवश्यकतानुसार उपाय भी किए जा रहे हैं।
नगालैंड की घटना पर लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में आगे कहा कि अभी स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है। पुलिस महानिदेशक नागालैंड और आयुक्त नागालैंड ने 5 दिसंबर को घटनास्थल का दौरा किया। घटना की प्राथमिकी दर्ज़ की गई है। मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए इस मामले को राज्य अपराध पुलिस स्टेशन को जांच के लिए सौंप दिया गया है। इस संदर्भ में एक विशेष जांच टीम(SIT) का गठन किया गया है जिसे एक महीने के अंदर जांच पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। ये निर्णय लिया गया है कि सभी एजेंसियों को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि विद्रोहियों के खिलाफ अभियान चलाते समय भविष्य में ऐसी किसी घटना की पुनरावृत्ति न हो। सरकार स्थिति पर सूक्ष्मता से नज़र रख रही है।