राज्यसभा से निलंबन से बचने के लिए क्या सभी 12 सांसद माफी मांगेंगे? यह सवाल तब उठ रहा है जब संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा है कि सांसद अपने व्यव्हार के लिए माफी तक मांगने के लिए तैयार नहीं थे। अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी उन सांसदों के बचाव में सामने आ गए हैं और कहा है कि सांसद माफी ‘बिलकुल नहीं’ मांगेंगे। राहुल गांधी ने अपने ट्वीट संदेश में कहा है, “किस बात की माफ़ी? संसद में जनता की बात उठाने की? बिलकुल नहीं!”
इससे पहले संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी ने निलंबित 12 सांसदों के व्यव्हार को देखते हुए कार्रवाई को उचित ठहराते हुए कहा था, “क्या सीटियां बजाने के लिए हाउस है, हमने बार बार कहा कि आप क्षमा मांगो, पश्चाताप व्यक्त करो, उन्होंने कहा कि हम नहीं करेंगे, हमने कहा एक कमेटी बना देंगे तो कहा हम कमेटी में नहीं जाएंगे, यह कांग्रेस पार्टी में इतना अहंकार है कि हम जो भी करें, हमें मत पूछना, यह नजरिया अब देश नहीं स्वीकारता, राहुल गांधी और सोनिया गांधी इसे समझें।”
मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में भारी हंगामा करने वाले 12 सांसदों को मौजूदा शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। निलंबित होने वाले सांसदों में 6 सांसद कांग्रेस पार्टी के हैं, 2-2 सांसद शिवसेना तथा तृणमूल कांग्रेस तथा एक सांसद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और एक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का है। निलंबित होने वाले सांसदों पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर मानसून सत्र के दौरान हंगामा किया था।
निलंबित होने वाले सांसदों में शिवसेना से प्रियंका चतुर्वेदी तथा अनिल देसाई का नाम शामिल हैं। कांग्रेस से फूलो देवी नेतम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजामनी पटेल, सैयद नासिर हुसैन और अखिलेश प्रसाद सिंह का नाम है। तृणमूल कांग्रेस से डोला सेन और शांता छेत्री का नाम है तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से बिनॉय विश्वम और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी से एलमराम करीम का नाम है।