जायडस कैडिला का कोविड-19 रोधी टीका ‘जायकोव-डी’ सरकार के राष्ट्रीय कोरोना वायरस रोधी टीकाकरण अभियान के तहत अभी केवल वयस्कों को ही लगाया जाएगा। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्रालय इस स्वदेश विकसित और सुई रहित टीके को राष्ट्रीय कोविड रोधी टीकाकरण अभियान में शामिल करने की मंजूरी दे चुका है तथा उसने इसके लिए तैयारी करने को कहा है।
इस टीके को अब कभी भी इस कार्यक्रम में शामिल किया जा सकता है। भारत का औषधि नियामक 12 वर्ष और इससे अधिक आयु के लोगों को यह टीका लगाने की मंजूरी दे चुका है। मंत्रालय इस टीके की एक करोड़ खुराक के लिए पहले ही अहमदाबाद स्थित कंपनी को खरीद का ऑर्डर दे चुका है।
इस संबंध में एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘जायकोव-डी, जिसे भारत के औषधि नियामक ने 12 वर्ष और अधिक आयु के लोगों को देने की मंजूरी दी है, वह राष्ट्रीय कोविड रोधी टीकाकरण अभियान के तहत अभी केवल वयस्कों को ही लगाया जाएगा।’’ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बृहस्पतिवार को कहा था कि सरकार बच्चों को कोविड-रोधी टीका लगाने में जल्दबाजी नहीं करना चाहती और इस संबंध में कोई भी निर्णय विशेषज्ञों की राय के आधार पर ही लिया जाएगा।
जायडस कैडिला के कोविड-19 रोधी टीके को 12 साल एवं उससे अधिक आयु के लोगों के लिए आपात इस्तेमाल की अनुमति मिल जाने के मद्देनजर बच्चों का टीकाकरण शुरू होने के संबंध में मांडविया ने कहा था कि दुनिया में कहीं भी बच्चों को बड़े पैमाने पर कोविड-19 रोधी टीका नहीं लगाया जा रहा है।
हालांकि कुछ देशों में बच्चों का सीमित टीकाकरण शुरू किया गया है। जायकोव-डी ऐसा पहला कोविड रोधी टीका है जिसे भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने 12 वर्ष और अधिक आयु के लोगों को लगाने की मंजूरी दी है।