बसपा अध्यक्ष मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा, सपा और कांग्रेस पर निशाना साधा है। मायावती ने कहा, “जैसा की सभी को ज्ञात है कि यूपी में विधानसा चुनाव के नजदीक आते ही अब यहां भाजपा और अन्य सभी विरोधी पार्टियों का प्रदेश की जनता को हर प्रकार से लुभाने का जबरदस्त नाटक शुरू हो गया है। ऐसा लगता है कि इनका ये सिलसिला चुनाव घोषित होने तक लगातार जारी रहेगा। इस बार विधानसभा चुनाव में होने वाली हार को काफी कुछ दर्शाता है। इसके अलावा बसपा को छोड़ सभी विपक्षी पार्टियों ने भी चुनाव की घोषणा होने से बहुत पहले ही प्रदेश की जनता को लुभाने के लिए, अभी तक जो घोषणाएं की है, वह भी इनके लिए अनेको सवाल खड़े करता है।”
मायावती ने कहा, “जैसे सपा की तरह कांग्रेस पार्टी ने भी प्रदेश की जनता को तरह-तरह के असंख्य प्रलोभन भरे चुनावी वायदे किए हैं, उनपर यहां की जनता जल्दी से विश्वास करने वाली नहीं है। इस संबंध में हमारी पार्टी का कहना है कि यदी कांग्रेस पार्टी ने यूपी में अपने लंबे शासन काल में 50 फीसदी चुनावी वायदे भी पूरे किए होते तो आज यह पार्टी केंद्र और उत्तर प्रदेश सहित देश के अधिकांश राज्यों में भी सत्ता से बाहर नहीं होती। इनकी कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर होने से जनता इनके वायदों को गंभीरता से नहीं ले रही है।”
बसपा अध्यक्ष ने कहा, “हालांकि, इस मामले में बसपा बातें कम और काम ज्यादा करने में ही विश्वास रखती है, यह सब आपको यूपी में चार बार बसपा के नेतृत्व में रही सरकार में देखने को मिला है।” उन्होंने कहा, “मैं भाजपा के बारे में यह भी कहना चाहूंगी कि यदि इस पार्टी को जनता के दुखदर्त की चिंता होती तो पिछले दिनों जिस प्रकार से हर दिन रिकॉर्ड पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ी हैं और महंगाई बढ़ी है तो यह सब जनता आसानी से भुलाने वाली नहीं है।”
मायावती ने कहा, “अब कई राज्यों में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी हार के डर से कीमतों में इन्होंने जो थोड़ी से कटौती की है उसे भी चुनाव बाद ब्याज सहित जनता से वसूल कर लेगी। यूपी में अब विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही गरीबों को जो राशन मुफ्त बांटा जा रहा है, वह भी चुनाव खत्म होते ही बंद हो जाएगा।”
उन्होंने कहा, “यूपी की जनता को यह भी ध्यान में रखकर चलना चाहिए कि भाजपा यूपी में अपनी जनविरोधी नीतियों पर पर्दा डालने के लिए भी सपा से अंदरूनी मिली भगत से जिन्ना मामला और अयोध्या फायरिंग जैसे मामले उठा रही है ताकि चुनाव हिंदू मिस्लिम हो जाए।”