समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इतिहास पढ़ने की सलाह दी और कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना पर ऐसी बयानबाजी से कोई वोटर खुश नहीं होगा। दरअसल, अखिलेश यादव ने रविवार को देश के बंटवारे के सूत्रधार जिन्ना की तुलना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, एकता के सूत्रधार सरदार पटेल और पहले प्रधानमंत्री नेहरू से की थी। अब इस मामले पर असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रिया दी है।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “अखिलेश यादव को यह समझना चाहिए कि भारत के मुसलमानों का कोई ताल्लुक (संबंध) मोहम्मद अली जिन्ना से नहीं है, जो भारत में आज मुसलमान रह रहे हैं और जो हमारे बाप-दादा थे, उन्होंने 1947 में ही फैसला ले लिया था कि हम पाकिस्तान में नहीं जाएंगे, हमने पाकिस्तान की टू नेशन थ्योरी को रिजेक्ट किया।”
ओवैसी ने कहा, “हकीकत यह है कि टू नेशन थ्योरी की सबसे पहले बात करने वाले सावरकर थे, उसके बाद मोहम्मद अली जिन्ना थे। तो भारत के जो मुसलमान हैं उन्होंने भारत को अपना वतन माना और टू नेशन थ्योरी को रिजेक्ट किया। जिन्ना से हमारा कोई ताल्लुक ही नहीं है।”
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “अखिलेश यादव को यह समझना चाहिए कि अगर वह इस तरह की बात करके समझ रहे हैं कि कोई तबका या कोई हिस्सा या कोई वोटर इससे खुश होगा तो वह गलती कर रहे हैं। उन्हें अपने एडवाइजर्स को चेंज करना चाहिए या खुद को उन्हें पढ़ना भी चाहिए।”
ओवैसी ने कहा, “यह बात बिल्कुल सही है कि पाकिस्तान के क्रिएशन में मोहम्मद अली जिन्ना का सबसे बड़ा रोल रहा है, अब उसके पीछे क्या-क्या है, तारीख में जाएंगे तो बहुत लंबी तारीख जाएगी। मगर यह कहना, मैं समझता हूं कि उन्हें दोबारा किसी इतिहासकार के पास बैठकर इतिहास पढ़ने की जरूरत है।”
उन्होंने कहा कि “हिस्ट्री का कोई स्टूडेंट होगा तो पूरी बात बताएगा कि 1925 में क्या हुआ, 1934 में क्या हुआ, फिर 1937 में क्या हुआ, 1940 के बाद क्या हुआ। पाकिस्तान बनाने के आर्किटेक्ट जिन्ना थे, आज मौजूदा दौर में आप उनकी बात कर रहे हैं।”
ओवैसी ने कहा, “अगर आपको भारत की बात करनी है तो आप यह कहिए कि सरदार पटेल ने आरएसएस पर बैन लगाया था, सरदार पटेल ने पत्र लिखा था कि कैसे आरएसएस ने गांधी के कत्ल पर मिठाई बाटी, तो इन्हें मेरे ख्याल से हिस्ट्री का पाठ पढ़ने की जरूरत है।”