जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की ओर से टारगेट किलिंग्स की बढ़ती वारदातों के बाद सेना की ओर से भी प्रहार शुरू हो गया है। इसी कड़ी में पुंछ और राजौरी जिलों में सुरक्षा बल आतंकवादियों के खिलाफ अंतिम वार की तैयारी कर रहे हैं जो मेंढर में वन क्षेत्र में छिपे हो सकते हैं। वहीं मेंढर में सार्वजनिक घोषणाएं कर स्थानीय लोगों से घरों में रहने को कहा गया है। अधिकारियों ने कहा कि भट्टा दुर्रियां और आसपास के क्षेत्रों में स्थानीय मस्जिदों से मुनादी कर लोगों को सतर्क किया गया है। अधिकारियों के अनुसार, लोगों से वन क्षेत्र में नहीं जाने को और अभियान के मद्देनजर अपने मवेशियों को भी घरों में रखने को कहा गया है।
अधिकारियों ने बताया कि बाहर गये लोगों को मवेशियों के साथ घर लौटने को कहा गया है। पुंछ और राजौरी में आतंकवादियों के खिलाफ चलाए जा रहा अभियान नौवें दिन में प्रवेश कर गया है। इस पूरे ऑपरेशन में अब तक नौ सुरक्षाकर्मी अपनी जान गंवा चुके हैं। अधिकारियों का कहना है कि आतंकवादियों को पकड़ने के लिए पूरे एरिया में अभी भी कड़ा सुरक्षा घेरा है। सेना ने इस पूरे इलाके में निगरानी के लिए पैरा कमांडो और हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं।
इलाका पहाड़ी है और जंगल घना है, जिससे ऑपरेशन और भी मुश्किल और खतरनाक हो गया है। पुंछ के सुरनकोट इलाके में 12 अक्टूबर को हुई गोलीबारी में एक जेसीओ समेत सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे। 14 अक्टूबर को दो और जवान शहीद हो गए जबकि शनिवार 16 अक्टूबर को एक अन्य जेसीओ और एक जवान के शव बरामद किए गए थे।
इस बीच जम्मू-कश्मीर में हाल में आतंकवादियों द्वारा आम नागरिकों की हत्या के खिलाफ कई राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया। बीजेपी की युवा शाखा, शिवसेना, डोगरा फ्रंट, जगती फ्रंट और बजरंग दल समेत कई संगठनों ने जम्मू के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किए। इस महीने घाटी में आतंकवादियों द्वारा अब तक 11 आम नागरिकों की हत्या की जा चुकी है। भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने भारत में आतंकवाद का समर्थन करने और उसे बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया।