बिजली संकट के बीच सरकार ने टाटा पावर को आज चेतावनी दी है। ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने आज संवाददातओं से बात करते हुए इसकी जानकारी दी। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि टाटा पावर के द्वारा ग्राहकों को मैसेज भेजे जाने से बेवजह का डर फैला है। इसके साथ ही केन्द्रीय मंत्री ने गेल के द्वारा बवाना गैस पावर प्लांट को भेजे मैसेज पर भी नाखुशी जताई है। उनके मुताबिक देश में बिजली संकट नहीं है इसके बेवजह दिखाया जा रहा है।
क्या था मैसेज में
शनिवार को टाटा पावर ने अपने उपभोक्ताओं को एक मैसेज भेजकर बिजली की खपत समझदारी के साथ करने की सलाह दी थी। इसके लिये कंपनी ने कोयला स्टॉक में गिरावट की बात कही थी। टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड जो कि उत्तर और उत्तर पश्चिम दिल्ली में बिजली की सप्लाई करती है ने एक मैसेज में कहा कि उत्तर भारत के बिजली संयंत्रों में कोयले की सीमित उपलब्धता की वजह से दोपहर के बाद 2 बजे से 6 बजे के बीच बिजली आपूर्ति की स्थिति गंभीर रह सकती है, कृपया बिजली का सोच समझकर इस्तेमाल करें। वहीं दूसरी तरफ गेल ने बवाना गैस पावर प्लांट को मैसेज भेज कर कहा था कि वो 2 दिन के बाद गैस की सप्लाई रोक देंगे क्योंकि उनका कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो रहा है। केन्द्रीय मंत्री के मुताबिक टाटा पावर और गेल के मैसेज से बेवजह का डर फैला है।
क्या कहा ऊर्जा मंत्री ने
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि न तो बिजली का संकट था और न ही बिजली संकट है। इसे बेवजह बनाया जा रहा है। उन्होने कहा कि मैने टाटा पावर के प्रमुख को चेतावनी दी है कि अगर उन्होने ग्राहकों को ऐसे आधारहीन मैसेज भेजे जिससे भय फैले तो कार्रवाई की जायेगी। उनके मुताबिक गेल और टाटा पावर के द्वारा भेजे गये मैसेज गैर जिम्मेदार व्यवहार में आते हैं। कोयले की उपलब्धता को लेकर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि वो प्रतिदिन के हिसाब से कोयले की मॉनिटरिंग करते हैं, और चार दिन से ज्यादा औसत स्टाक हमारे पास है । उनके मुताबिक जितना स्टॉक दिन का खर्च हो रहा उतना आ रहा है। साथ ही कोल बिल्डअप भी मजबूत हो रहा है। केन्द्रीय मंत्री ने साफ कहा कि जितनी जरूरत है उतनी बिजली का उत्पादन हो रहा है।