दक्षिणी दिल्ली के एक जाने-माने पब्लिक स्कूल ने स्कूल फीस में भारी बढ़ोतरी की है, जिससे सैकड़ों अभिभावकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन अभिभावकों ने एक ग्रुप बनाकर इस अनुचित शुल्क वृद्धि के खिलाफ दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, शिक्षा निदेशालय और स्कूल के अधिकारियों से संपर्क किया है।
अभिभावकों का कहना है कि पहले ही कोविड-19 महामारी ने कई परिवारों को आर्थिक रूप से बर्बाद कर दिया है और स्कूल फीस में भारी बढ़ोतरी ने उनकी तकलीफ को और बढ़ा दिया है। अभिभावकों के इस ग्रुप ने दिल्ली पब्लिक स्कूल, आरके पुरम और वसंत विहार के जूनियर स्कूल द्वारा फीस वृद्धि को ‘अन्यायपूर्ण’ करार दिया है। इन अभिभावकों ने अचानक फीस वृद्धि पर स्पष्टीकरण के लिए स्कूल अधिकारियों से संपर्क किया था। उनमें से एक ने आरोप लगाया, ‘हालांकि, उनमें से किसी ने भी कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया है।’
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, जो दिल्ली के शिक्षा मंत्री भी हैं, ने अधिकारियों को इस मामले को देखने का निर्देश दिया है, लेकिन अब तक मामला आगे नहीं बढ़ पाया है। अभिभावकों को भी इस बात की चिंता सता रही है कि अगर स्कूल फीस का मामला जल्द नहीं सुलझा तो उन्हें अपने बच्चों के भविष्य को देखते हुए बढ़ी हुई फीस चुकानी पड़ेगी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए नाम नहीं छापने की शर्त पर एक अभिभावक ने कहा, ‘महामारी के इस दौर में हम असहाय हैं। हम नहीं जानते कि क्या करना है। न कोई हमारी मदद कर रहा है न ही कोई सुनवाई हो रही है। हम उम्मीद करते हैं कि कोई आएगा और हमसे बात करेगा। हम सिर्फ इस फीस बढ़ोतरी पर सफाई मांग रहे हैं। अगर हमें ब्योरा मिल जाता है तो हम स्कूल की बढ़ी हुई फीस भी भर देंगे। हममें से कई लोगों की नौकरी जा चुकी है, लेकिन किसी तरह गुजारा कर रहे हैं और कोशिश कर रहे हैं कि बच्चों की पढ़ाई पर असर न पड़े। दिल्ली सरकार हमेशा कहती है कि वह राजधानी में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए लगातार काम कर रही है, लेकिन अभी तक हमारी मांगों को लेकर कुछ नहीं हुआ है।’
अभिभावकों ने यह भी कहा कि उनके साथ बात करने के बजाय डीपीएस स्कूल का प्रशासन उनके द्वारा भेजी गई किसी भी मेल का जवाब नहीं दे रहा है और बच्चों के माता बिता को अलग-अलग बुलाकर जल्द से जल्द फीस भरने का दबाव डाल रहा है।
दिल्ली सरकार को इस मसले पर अभी तक इस मुद्दे पर अपना रुख साफ नहीं किया है। बच्चों के अभिभावकों ने कहा, ‘सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्कूल की फीस में गैर वाजिब तरीके से बढ़ोतरी नहीं होनी चाहिए।’