पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के पद से नवजोत सिंह सिद्धू ने भी इस्तीफा दे दिया है। नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद अब कांग्रेस में काफी उथल-पुथल मची है। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
मनीष तिवारी ने कहा है, “अगर पंजाब की अस्थिरता पर कोई खुश है तो वो पाकिस्तान है। जो हो रहा है वो दुर्भाग्यपूर्ण है। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर विकास के बारे में सोचने की आज जरूरत है।”
मनीष तिवारी ने आगे कहा, “पंजाब में जो घटनाक्रम पिछले कुछ दिनों में घटा, वो दुर्भाग्यपूर्ण था। अगर पंजाब की अस्थिरता पर किसी को खुशी है तो वो पाकिस्तान को है। उनको लगता है कि पंजाब में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ती है तो उनको फिर अपने काले मंसूबों को अंजाम देने का एक और मौका मिलेगा।”
मनीष तिवारी ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा, “मुझे ये बात कहने में बिल्कुल भी संकोच नहीं है कि जिन लोगों को जिम्मेदारी दी गई थी वो पंजाब को समझ नहीं पाए…चुनाव एक पहलू है पर राष्ट्र हित दूसरा पहलू है। पंजाब की राजनीतिक स्थिरता को बहाल करने की जरूरत है।”
उन्होंने बतया कि वे अभी-अभी एक क्षेत्रीय सुरक्षा सम्मेलन से लौटे हैं। उन्होंन कहा, “मैं आपको बता सकता हूं कि पंजाब में जो कुछ हो रहा है, उससे जो बहुत खुश है, वह है पाकिस्तान की गहरी स्थिति। उन्हें लगता है कि उन्हें संकट के पानी में मछली पकड़ने का मौका मिलेगा”
“पंजाब के एक सांसद के रूप में मैं पंजाब में हो रही घटनाओं से बेहद व्यथित हूं। पंजाब में शांति अत्यंत कठिन थी। 1980-1995 के बीच उग्रवाद और आतंकवाद से लड़ने के बाद पंजाब में शांति वापस लाने के लिए 25,000 लोगों, जिनमें से अधिकांश कांग्रेसी थे, ने बलिदान दिया था”
इधर, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (CM Charanjit Singh Channi ) ने आज एक अहम बैठक बुलाई है। जिसमें कई मुद्दों पर बात हो रही है। वहीं, अभी तक सिद्धू ने इस्तीफे की वजह नहीं बताई है। लेकिन सूत्रों की मानें तो नवजोत सिंह सिद्धू पुलिस और नागरिक प्रशासन में तबादलों के साथ-साथ विभागों के आवंटन से नाराज हैं। सूत्रों ने यह भी बताया है कि करीबी सहयोगियों ने आलाकमान को बताया है कि चीजों को व्यवस्थित करने से संकट का समाधान किया जा सकता है। आलाकमान ने कल रात भी नवजोत सिद्धू के करीबी सहयोगियों से बात की थी।