उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में राज्य का सियासी पारा अभी से चढ़ा हुआ है। चुनाव से पहले पार्टियों के अंदर उथल-पुथल मचा हुआ है। राज्य में नेताओं के बीच मुलाकात का दौर जारी है। बीते सोमवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राष्ट्रीय महासचिव आरएस कुशवाहा ने समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव से लखनऊ में पार्टी मुख्यालय में मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक ने यूपी विधानसभा चुनाव से पहले दलबदल की अफवाहों को हवा दे दी है। हालांकि बसपा नेता ने अखिलेश यादव से हुई मुलाकात को ‘शिष्टाचार भेंट’ बताया है।
समाजवादी पार्टी ने दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ‘बहुजन समाज पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहाने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से की शिष्टाचार भेंट।’
बता दें कि पिछले साल सात विधायकों के विद्रोह के बाद, बसपा से नेताओं के निकलने का सिलसिला और भी बढ़ गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पार्टी के कई नेता अभी भी समाजवादी पार्टी (सपा) के संपर्क में हैं, जो कि बसपा के लिए चिंताजनक है।
गौरतलब है कि शुक्रवार को बसपा से निष्कासित पूर्व मंत्री और विधायक लालजी वर्मा व रामअचल राजभर ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। इसके बाद अखिलेश यादव ने फोटो को ट्वीट कर इसको शिष्टाचार भेंट बताया।
मालूम हो कि बसपा ने पूर्व कैबिनेट मंत्री लालजी वर्मा के साथ ही रामअचल राजभर को अक्टूबर 2020 में पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इसके बाद बीते जून में लालजी वर्मा के साथ रामअचल राजभर के सपा में शामिल होने की चर्चा ने जोर पकड़ा। बसपा के कुछ और विधायकों ने बगावती तेवर दिखाया तो उनको भी निलंबित कर दिया गया।
बसपा के कुछ नेताओं को पार्टी से बाहर निकाले जाने पर सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा, “यहां उन लोगों के लिए कोई जगह नहीं है जिन्होंने धोखा दिया और पार्टी के खिलाफ साजिश रची। बहन जी द्वारा सम्मानजनक पद दिए गए। निकाले गए नेताओं के लिए वापसी की कोई संभावना नहीं है। अन्य दलों के नेताओं का स्वागत है यदि वे बहुजन समाज पार्टी में शामिल होना चाहते हैं।”
विधानसभा चुनाव 2022
बता दें कि सपा अध्यक्ष ने अखिलेश यादव ने कहा है कि उनकी पार्टी 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए छोटे राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन करेगी। वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने भी पहले ही ऐलान कर दिया है कि उनकी पार्टी यूपी और उत्तराखंड में अकेले चुनाव लड़ेगी। केवल पंजाब में अकाली दल के साथ गठबंधन करते चुनावी मैदान में उतरेंगी। बता दें कि अगले साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गुजरात, मणिपुर, गोवा और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं।