केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों (Farm Law) के विरोध में पिछले कई महीनों से जारी आंदोलन को समय-समय पर धार देने की कोशिश होती आ रही है। कभी किसान महापंचायत तो कभी किसान संसद के जरिए आंदोलन को जीवित रखने की ओर कदम उठाए गए। इसी कड़ी में किसानों (Farmers) ने एक बार फिर अपनी ताकत दिखाने के लिए सोमवार को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेतृत्व में किसानों की ओर से आहूत राष्ट्रव्यापी बंद (Bharat Bandh) 10 घंटे का रहेगा। किसान मोर्चा ने सभी भारतीयों से हड़ताल में शामिल होने का आग्रह किया है तो कई राजनीतिक दलों (Political Parties) ने ‘भारत बंद’ को पूरा समर्थन देने की घोषणा की है।
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक देशभर में पूरी तरह से बंद रहेगा। किसान यूनियनों ने अपने समर्थकों के साथ ट्रेड यूनियनों समेत यह सुनिश्चित करने के लिए एक विस्तृत योजना बनाई। आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर देशभर में सभी सेवाएं बंद रहेगी। किसान मोर्चा ने बयान में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय ट्रेड यूनियन सुबह 11 बजे जंतर-मंतर पर एक विरोध रैली का भी आयोजन करेगी।
‘भारत बंद’ के दौरान क्या खुला और क्या रहेगा बंद
एसकेएम के मुताबिक, ‘भारत बंद’ के दौरान सभी सरकारी और निजी कार्यालय, शैक्षणिक और अन्य संस्थान, दुकानें, सार्वजनिक कार्यक्रम और अन्य कार्यक्रमों को नहीं चलने देंगे। हालांकि अस्पताल, मेडिकल स्टोर, राहत और बचाव कार्य सहित सभी आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं में भाग लेने वाले लोगों को छूट दी गई है।
किसानों ने मंगलवार के लिए भी बनाई योजना
संयुक्त किसान मोर्चा ने 28 सितंबर यानी मंगलवार के लिए भी एक योजना बनाई है। एसकेएम की ओर से बताया गया कि 28 सितंबर को शहीद भगत सिंह की जयंती किसान आंदोलन से मनाई जाएगी। किसान मोर्चा ने युवाओं और छात्रों से इस दिन को मनाने के लिए बड़ी संख्या में मोर्चा में शामिल होने का आग्रह किया।
किसानों के ‘भारत बंद’ को इन दलों का समर्थन
किसानों के ‘भारत बंद’ को गैर-एनडीए दलों ने समर्थन दिया है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, तेलुगु देशम पार्टी, वाम दलों और स्वराज इंडिया किसानों के समर्थन में आए हैं। केरल में सत्तारूढ़ एलडीएफ और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ दोनों ने देशव्यापी बंद का समर्थन किया है। पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बंद को अपना समर्थन दिया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल ने भी किसानों का साथ देने का ऐलान किया है। कई ट्रेड यूनियन भी समर्थन कर रहे हैं। आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस सरकार ने भी भारत बंद को समर्थन देने की घोषणा की है। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक ने बंद को समर्थन दिया है।
कई महीनों से जारी है किसानों का आंदोलन
उल्लेखनीय है कि पिछले कई महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसान धरना दिए बैठे हैं। देश के कई हिस्सों खासकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। गतिरोध खत्म करने और किसानों के विरोध प्रदर्शन को समाप्त कराने के लिए सरकार और किसान यूनियन के बीच अब तक 11 दौर की बातचीत हुई, जो बेनतीजा रही। प्रदर्शनकारी किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। साथ ही एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी की भी मांग कर रहे हैं। हालांकि सरकार इन कानूनों को प्रमुख कृषि सुधारों के रूप में पेश कर रही है और इन्हें वापस लेने के पक्ष में नहीं है।