राजधानी लखनऊ में आयोजित किसान सम्मेलन (Kisan Sammelan) में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। सीएम योगी (CM Yogi) ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि 2004 से लेकर 2014 तक का शासन देश और प्रदेश के लिए अंधकार युग था। यहां अराजकता और गुंडागर्दी का बोलबाला था। प्रदेश के किसान (Farmers) आत्महत्या और गरीब भूख से मर रहा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों से पूछना चाहिए कि उन्होंने किसानों से अन्न खरीदने की व्यवस्था क्यों नहीं की? जो आज किसानों के हितैषी बने हैं, वो तब कहां थे?
किसान सम्मेलन में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बसपा की सरकार में औने-पौने दाम पर चीनी मिलें बेची गईं। 250 करोड़ की चीनी मिलें 25-30 करोड़ रुपये में बिक गई। सपा की सरकार में 11 चीनी मिलें बंद हुई। सीएम योगी ने कहा कि हमारी सरकार में चीनी मिलें बंद नहीं हुईं, बल्कि बंद पड़ी चीनी मिलों को चलाने का काम किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 4.5 सालों के अंदर हमने किसानों से अन्न की रिकॉर्ड खरीद की है। इससे पहले की सरकारें भी कर सकती थीं।
सीएम योगी ने कहा कि 2017 में 8 सालों से गन्ने का भुगतान बकाया था। पिछली सरकारों में गन्ने का भुगतान नहीं हुआ था, जिससे किसान परेशान था। चीनी मिलें बंद हो रही थीं। उन्होंने कहा कि इच्छाशक्ति वाली बीजेपी सरकार ने टीमवर्क के साथ काम किया और चीनी मिलों को चालू कराने का काम किया। इसके साथ ही योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष से पूछा कि जब किसान आत्महत्या कर रहा था, तब सपा-बसपा और कांग्रेस के लोग कहां थे? पिछली सरकारें किसानों के पेट पर लात मार रही थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों में गन्ना किसानों को अपनी उपज जलाने की नौबत थी, क्योंकि उस असमय चीनी मिलें बंद हो जाती थी। पिछली सरकार में काम करने के लिए साफ नियत और सही सोच दोनों नहीं था। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पराली जलाने को लेकर किसानों पर दर्ज हुए सारे मुकदमे वापस लेने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि अब गन्ना किसानों को 325 की जगह 350 रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। सामान्य गन्ने के लिए 315 के बजाय 340 रुपये का भुगतान किया जाएगा।