दिल्ली की रोहिणी कोर्ट परिसर में आज हुई वारदात के पीछे सूत्रों के मुताबिक टिल्लू और गोगी के बीच की दुश्मनी बताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक वर्चस्व की लड़ाई की यह कहानी साल 2013 में शुरू हुई थी। बाहरी दिल्ली के ताजपुर गांव का रहने वाला सुनील मान ताजपुरिया उर्फ टिल्लू और नजदीकी गांव अलीपुर के रहने वाला जितेंद्र गोगी साल 2013 के पहले तक गहरे दोस्त हुआ करते थे। दोनों का अपने-अपने इलाके में वर्चस्व हुआ करता था। लेकिन 2013 के दिल्ली यूनिवर्सिटी इलेक्शन ने दोनों के रिश्तो में दरार डाल दी।
जितेंद्र उर्फ गोगी का जन्म साल 1991 में दिल्ली के गांव अलीपुर में हुआ था। उनके पिता मेहर सिंह एक निजी ठेकेदार थे। श्रद्धानंद कॉलेज में पढ़ाई के दौरान वह कॉलेज के कुछ नेताओं के संपर्क में आया और कॉलेज के चुनाव में हिस्सा लिया। चुनाव के दौरान जितेंद्र की सामने खड़े पैनल के उम्मदिवारों से लड़ाई हो गयी उन्हें टिल्लू गैंग सपोर्ट कर रहा था। जितेंद्र गोगी ने अपने साथियों रवि भारद्वाज, बंटी, अरुण, कमांडो, दीपक, मोनू, कुणाल मान और सुनील मान के साथ संदीप और रविंदर पर गोलियां चलाई, ये दोनों टिल्लू तजपुरिया के करीबी थे। बस यहीं से टिल्लू और गोगी की दुश्मनी शुरू हो गयी।
सूत्रों के मुताबिक, कहा ये भी जाता है कि अरुण उर्फ कमांडो भी श्रद्धानंद कॉलेज में पढ़ता था और छात्र संघ के चुनाव के दौरान अलीपुर के एक छात्र का समर्थन कर रहा था। उक्त प्रत्याशी का समर्थन गैंगस्टर जितेंद्र उर्फ गोगी भी उसी गांव का रहने वाला है, वो भी कर रहा था। दूसरी ओर, एक अन्य छात्र, टिल्लू गैंगस्टर का चचेरा भाई सुनील टिल्लू निवासी ग्राम ताजपुर भी विपरीत पक्ष से एक उम्मीदवार था। सुनील उर्फ टिल्लू के गुट के सदस्यों ने किन्हीं कारणों से इलेक्शन के दौरान अरुण उर्फ कमांडो को पीट दिया। जितेन्द्र उर्फगोगी गुट के प्रत्याशी ने उस चुनाव से नाम वापस ले लिया और सुनील उर्फ टिल्लू के समूह के प्रत्याशी ने वह चुनाव जीत लिया। लेकिन उस घटना ने दोनों के बीच रंजिश को जन्म दे दिया। जिसके बाद जितेंद्र गोगी गैंग ने टिल्लू गैंग के दो लोगों संदीप और रविन्द्र मर्डर किया था।
इस दुश्मनी की एक दूसरी वजह भी है। सूत्रों के मुताबिक, दीपक उर्फ राजू जोकि टिल्लू ताजपुरिया का बेहद करीबी था और उसी गांव का रहने वाला था। वो जितेंद्र गोगी की रिश्ते की बहन के साथ अफेयर चला रहा था, दोनों आपस में चोरी छुपे मिलते भी थे, जिसके बाद दीपक ने खुद को जितेंद्र गोगी का जीजा बोलना शुरू कर दिया था। वह खुद को पूरे अलीपुर गांव का दामाद बोलता था। इस बात से भी जितेंद्र गोगी काफी गुस्से में था और 1 दिन मौका पाकर उसने महिंद्रा पार्क इलाके में दीपक का सरेआम कत्ल कर दिया। इस मामले में बाद चार लोगों को योगेश उर्फ टुंडा, कुलदीप उर्फ फज्जा, दिनेश और रोहित को गिरफ्तार किया गया है और आरोपी जरनैल उर्फ जेल को स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किया गया है। बाद में आरोपी जितेंद्र उर्फ गोगी को 03.03.16 को पानीपत पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, लेकिन जुलाई 2016 के महीने में वह बहादुरगढ़ क्षेत्र में न्यायिक हिरासत से फरार हो गया।
दीपक उर्फ राजू की उक्त हत्या का बदला लेने के लिए गेंगस्टर सुनील उर्फ टिल्लू के गिरोह के सदस्यों ने अरूण उर्फ कमांडो निवासी अलीपुर की हत्या को अलीपुर में अंजाम दिया जो गैंगस्टर जितेंद्र उर्फ गोगी का सहयोगी था। उस मामले में एक सोनू उर्फ दबंग निवासी ग्राम ताजपुर को गिरफ्तार किया गया था और सुनील टिल्लू एक वर्ष से अधिक समय तक फरार रहा और बाद में उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया और वर्तमान में न्यायिक हिरासत में चल रहा है।
अरुण उर्फ कमांडो की हत्या के उक्त मामले को एक निरंजन उर्फ मास्टर द्वारा आगे बढ़ाया जा रहा था और वह इस मामले में गवाहों में से एक था। फरार रहने के दौरान आरोपी सुनील उर्फ टिल्लू ने निरंजन उर्फ मास्टर पर इस मामले से दूर रहने का दबाव बनाया था और जब वो गवाही से नहीं मुकरा तो सुनील उर्फ टिल्लू और उसके साथियों ने प्राथमिकी संख्या के तहत निरंजन उर्फ मास्टर की हत्या को सोनीपत में अंजाम दिया। दोनों गैंगस्टर जितेंद्र उर्फ गोगी निवासी ग्राम अलीपुर और सुनील टिल्लू निवासी ग्राम ताजपुर एक दूसरे के वर्चस्व को खत्म करना चाहते थे।
न्यायिक हिरासत से भागने के बाद गैंगस्टर जितेंद्र उर्फ गोगी ने दुश्मन गैंग से बदला लेने के मौके तलाश रहा है और फरवरी 2017 में अलीपुर के एक देवेंद्र उर्फ प्रधान की हत्या कर दी, जो सुनील टिल्लू के हमदर्द और अन्य सहयोगियों/समर्थकों को खत्म करने की तलाश में था सुनील टिल्लू गैंग। 30 जुलाई 2016 में गैंगस्टर जितेंद्र गोगी को जिंद में पेशी के लिए ले जाया जा रहा था, उस वक़्त वो अपने साथियों की मदद से पुलिस हिरासत से फरार हो गया था। जिसके बाद गोगी पर 2 लाख रुपये का इनाम रखा गया।