कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ऑस्कर फर्नांडिस का सोमवार को यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया।
फर्नांडिस 80 साल के थे। फर्नांडिस के परिवार में उनकी पत्नी और दो संतान हैं। अपने घर पर योगाभ्यास करते समय गिर जाने के बाद जुलाई में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मस्तिष्क में बने खून का थक्का हटाने के लिए उनकी सर्जरी भी की गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फर्नांडिस के निधन पर शोक जताया। मोदी ने कहा, ‘‘राज्यसभा सदस्य ऑस्कर फर्नांडिस के निधन से दुखी हूं। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके परिजनों और शुभचिंतकों के साथ है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।’’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फर्नांडिस के निधन को अपनी व्यक्तिगत क्षति बताते हुए उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। राहुल ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘यह मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है। वह कांग्रेस पार्टी में हममें से कई लोगों के लिए मार्गदर्शक और संरक्षक थे। उनकी कमी महसूस होगी और उनके योगदान के लिए प्यार से याद किया जाएगा।’’
गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले फर्नांडिस अपने पूरे राजनीतिक जीवन में हमेशा पार्टी के अनुशासित कार्यकर्ता बने रहे। अपने पांच दशक लंबे राजनीतिक जीवन में फर्नांडिस ने लोकसभा में पांच बार उडुपी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और चार बार राज्यसभा के लिए चुने गए। वह पहली बार 1980 में लोकसभा के लिए चुने गए, उसके बाद 1984, 1989, 1991 और 1996 में उसी निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की। वह 1998 से चार बार राज्यसभा सदस्य रहे।
फर्नांडिस ने 2006 से 2009 तक केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री के रूप में कार्य किया था और मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के दूसरे कार्यकाल में एनआरआई मामलों, सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन सहित विभिन्न मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली थी।
फर्नांडिस 1996 में एआईसीसी महासचिव और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के केंद्रीय चुनाव प्राधिकार के अध्यक्ष भी थे। वह अस्सी के दशक के अंत में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष रहे थे। उन्होंने राजीव गांधी के संसदीय सचिव के रूप में भी कार्य किया था।
फर्नांडिस का जन्म 27 मार्च 1941 को रोक फर्नांडिस और लियोनिसा फर्नांडिस के घर हुआ था। उन्होंने सेंट सेसिल्स कॉन्वेंट स्कूल, बोर्ड हाई स्कूल और एमजीएम कॉलेज, उडुपी में शिक्षा प्राप्त की। फर्नांडिस ने 1972 में उडुपी नगरपालिका के लिए निर्वाचित होकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की।