हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बुधवार को एक बस और अन्य वाहनों के भूस्खलन की चपेट में आने से मलबे में फंसे लोगों की तलाश एवं बचाव के लिए अभियान बृहस्पतिवार सुबह पुन: शुरू हुआ। राज्य के आपदा प्रबंधन अधिकारी ने यह जानकारी दी। राज्य आपदा प्रबंधन निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने बताया कि बृहस्पतिवार सुबह छह बजे बचाव कार्य फिर से शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस के सदस्य, होमगार्ड, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) संयुक्त रूप से बचाव अभियान चला रहे हैं। अधिकारियों ने बुधवार रात करीब 10 बजे तलाश अभियान स्थगित कर दिया था।
निचार तहसील के निगुलसारी क्षेत्र के चौरा गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पांच पर बुधवार दोपहर को भूस्खलन के बाद पहाड़ से गिरे पत्थरों की चपेट में हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) की एक बस आ गई थी, जो रिकांग पियो से शिमला होते हुए हरिद्वार जा रही थी।
भूस्खलन की चपेट में आने से 13 लोगों की मौत हो गई तथा 13 लोगों को बचा लिया गया, जबकि कई अन्य के मलबे में दबे होने की आशंका है। अधिकारी ने कहा कि मृतक संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि एचआरटीसी की एक और बस तथा एक बोलेरो के यात्रियों का अभी तक पता नहीं चल सका है।
उन्होंने कहा कि ऐसा हो सकता है कि दोनों वाहन मलबे के साथ नीचे लुढ़क गए हों। वहीं एक टाटा सूमो मिली है, जिसमें आठ लोग मृत पाए गए। पत्थर गिरने से एक ट्रक नदी किनारे लुढ़क गया और चालक का शव बरामद कर लिया गया है। एक पूरी तरह से क्षतिग्रस्त ऑल्टो कार भी बरामद की गई है। कार के अंदर कोई नहीं था। गुरुवार सुबह तलाशी अभियान के दौरान 3 और शव मिले हैं।