ओडिशा में मंगलवार को कोविड-19 से 64 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 6,565 हो गई। वहीं 1,041 नए मामले सामने आए, जिससे कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 9,88,997 हो गई। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस तटीय राज्य में 10,988 मरीजों का उपचार चल रहा है और अब तक 9,71,391 मरीज संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। अधिकारी ने बताया कि ओडिशा में मृत्यु दर 0.66 फीसदी है, जो कि देश में सबसे कम मृत्यु दर में से एक है। खुर्दा जिले में सबसे ज्यादा 383 मामले सामने आए हैं। राजधानी भुवनेश्वर इसी जिले का हिस्सा है। इसके बाद कटक से 132 मामले सामने आए। झारसुगुडा और सुबर्णपुर जिले से एक भी मामला सामने नहीं आया है।
अधिकारी ने बताया कि राज्य में सोमवार तक 1,81,12,689 लोगों को कोरोना वैक्सीन की खुराक दी गई है, जिनमें से 41,94,247 को वैक्सीन की दोनों खुराक दी जा चुकी है। इस बीच, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशक विजय पाणिग्रही ने अनुमान जताया कि तीसरी लहर में राज्य के 15 फीसदी बच्चे प्रभावित हो सकते हैं। इस बीच ओडिशा सरकार ने विभिन्न पूजा समितियों को दुर्गा, गणेश, लक्ष्मी, काली पूजा और इसी तरह के अन्य कार्यक्रमों के लिए इनडोर (यानी बंद) पंडाल बना कार्यक्रम आयोजित करने की सर्शत अनुमति प्रदान की है।
इस तरह के आयोजन के लिए शर्त है कि ऐसे अनुष्ठानों के दौरान इनमें जनता की भागीदारी की अनुमति नहीं होगी। विशेष राहत आयुक्त कार्यालय की ओर से सोमवार को इस संबंध में एक आधिकारिक आदेश जारी किया गया, जिस पर मुख्य सचिव एससी महापात्र ने हस्ताक्षर किए हैं। इसके अनुसार, आयोजकों को जिला मजिस्ट्रेट या उनके द्वारा अधिकृत किसी अन्य अधिकारी से आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के लिए आवेदन देना होगा।
भुवनेश्वर और कटक के पुलिस आयुक्तालय के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों के लिए ऐसी अनुमति पुलिस आयुक्त या उनके द्वारा अधिकृत कोई अन्य अधिकारी ही देगा। आदेशानुसार, ‘‘पूजा पंडाल/मंडप तीन ओर से ढके होंगे। चौथी ओर से भी ये इस तरह से ढके जाएंगे कि मूर्तियों के सार्वजनिक तौर पर कोई दर्शन ना कर सके। जनता/भक्तों को यहां दर्शन की अनुमति नहीं होगी।’’
आदेश के अनुसार, मूर्ति का आकार चार फीट से कम होना चाहिए। किसी भी समय वहां सात से अधिक लोगों के रहने की अनुमति नहीं होगी। पूजा के आयोजन में शामिल आयोजकों और अन्य लोगों को स्थानीय प्रशासन/उपयुक्त प्राधिकारी द्वारा लगाई गई किसी भी अन्य पाबंदियों का भी पालन करना होगा।