अफगानिस्तान में लगातार बिगड़ते हालात को देखते हुए भारत सरकार ने अफगानिस्तान से भारतीय राजनयिक को वापस बुलाने का फैसला लिया है। भारत सरकार मजार-ए-शरीफ से सभी भारतीय स्टाफ और डिप्लोमैट को वापस बुला रहा है।
अफगानिस्तान में दिन प्रतिदिन हालात बिगड़ते जा रहे हैं। अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ में मौजूद कॉन्सुलेट में कार्यरत सभी भारतीय कर्मचारियों को वापस बुलाया जा रहा है। अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते वर्चस्व को देखते हुए भारत सरकार ने ये फैसला लिया है। अफगानिस्तान में हर दिन हालात बिगड़ रहे हैं और तालिबानी लड़ाकों का कब्जा बढ़ता जा रहा है। बताया जा रहा है, बीते दो-तीन दिनों में ही तालिबान ने अफगानिस्तान के पांच प्रांतों की राजधानियों पर अपना कब्जा कर लिया है। जिसके कारण अब भारत सरकार अपने अधिकारियों को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहता है।
मजार-ए-शरीफ में मौजूद भारतीय दूतावास की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि मंगलवार यानि आज शाम मजार-ए-शरीफ से एक स्पेशल फ्लाइट नई दिल्ली के लिए रवाना हो रही है। आसपास में जो भी भारतीय रह रहे हैं, वो शाम की फ्लाइट से नई दिल्ली के लिए रवाना हो जाएं।
पीटीआई के मुताबिक अभी सोमवार को ही तालिबान ने एक और प्रांत की राजधानी पर कब्जा कर लिया था। हाल के हफ्तों में समूचे अफगानिस्तान में उग्रवादियों ने बढ़त हासिल की है और जिलों और बड़े ग्रामीण हिस्से पर नियंत्रण करने के बाद प्रांतीय राजधानियों की ओर अपना रूख किया है। तालिबानी देश की राजधानी काबुल में वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को भी निशाना बना रहे हैं।
हालांकि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा और संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी के बावजूद हमले हो रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र ने सैन्य तौर पर जीत और सत्ता पर काबिज होने पर मान्यता नहीं देने की बात कही है। इधर, तालिबान ने अफगान सरकार के साथ बातचीत की मेज पर लौटने की अपीलों को भी अनसुना कर दिया है।
उत्तरी सर-ए-पुल प्रांत की परिषद के प्रमुख मोहम्मद नूर रहमानी ने कहा कि तालिबान ने प्रांतीय राजधानी पर कब्जा कर लिया है। उनके मुताबिक, अफगान सुरक्षा बलों ने एक हफ्ते तक शहर को तालिबान के कब्जे में जाने से बचाने की कोशिश की, लेकिन सर-ए-पुल शहर पर तालिबान का नियंत्रण हो ही गया।
उन्होंने कहा कि प्रांत से सरकारी बल पूरी तरह से पीछे हट गए हैं। रहमानी ने यह भी बताया कि सरकार समर्थक स्थानीय मिलिशिया के कई लड़ाकों ने बागियों के आगे बिना लड़े हथियार डाल दिए हैं। जिससे उन्होंने पूरे सूबे पर कब्जा कर लिया है।