भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), जोधपुर के अनुसंधानकर्ताओं ने राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में स्कूलों के लिए कम कीमत वाला जल शुद्धिकरण और शोधन इकाई विकसित किया है।
जल शुद्धिकरण इकाइयों में ‘अल्ट्राफिल्ट्रेशन’ (यूएफ) प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है ताकि बेहतर उपयोग के लिए जल का शुद्धिकरण और शोधन सुनिश्चित हो सके। विकसित की गई इस इकाई को कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है और इसे शुरूआत में राजस्थान के जोधपुर, सिरोही तथा झुंझुनू जिलों के ग्रामीण इलाकों में पांच स्कूलों में स्थापित किया गया है।
संस्थान के अधिकारियों के मुताबिक, महामारी के मद्देनजर दिन में कई बार हाथ धोना, सार्वजनिक स्थानों पर फर्श साफ करना एक नियमित व्यवहार हो गया है।
संस्थान के केमिकल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष प्रदीप के. तिवारी ने कहा, ‘‘इसके लिए जल की जरूरत बढ़ रही है, इसलिए ग्रामीण और शहरी इलाकों में अपशिष्ट जल की मात्रा भी बढ़ रही है। इसलिए, एक स्मार्ट जलआपूर्ति ग्रिड, जल बजट प्रणाली और जल ऑडिट की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसका समाधान करने के लिए आईआईटी जोधपुर समाज के फायदे के लिए समग्र तरीके से जल की मात्रा एवं गुणवत्ता जरूरतों के लिए अपनी विशेषज्ञता का उपयोग कर रहा है। ’’
अनुसंधान टीम के मुताबिक, अपशिष्ट जल शोधन इकाई राजस्थान जैसे जल की कमी वाले क्षेत्रों में हाथ धोने की आदत को प्रोत्साहित करेगा।
तिवारी ने कहा, ‘‘कंपनी सामाजिक दायित्व (सीएसआर) कोष और इस तरह के अन्य सहयोग का उपयोग कर संस्थान जोधपुर और इसके आसपास के इलाकों में करीब 25 स्कूलों में ऐसी इकाइयां लगाएगा।’’