अनुभवी ऑलराउंडर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने रविवार को फ्रेंडशिप डे (Friendship Day) के मौके पर अपने फैंस और शुभचिंतकों को बधाई दी है। इसके साथ ही, उन्होंने एक वीडियो भी शेयर किया है जो उनके क्रिकेट करियर के दौरान और बाद में उनके सभी करीबी दोस्तों को समर्पित है।
वीडियो एक संदेश के साथ शुरू होता है जिसमें लिखा होता है, “दोस्त होते हैं, एक परिवार होता है और फिर कुछ ऐसे दोस्त होते हैं जो परिवार बन जाते हैं।” वीडियो में युवराज सिंह कई क्रिकेटरों के साथ दोस्ती का जश्न मनाते नजर आ रहे हैं। हालांकि, नेटिज़न्स युवी से नाराज हो गए हैं और दावा कर रहे हैं कि उन्होंने कुछ जरूरी लोगों को छोड़ दिया है।
दरअसल, स्टार ऑलराउंडर के फ्रेंडशिप डे वीडियो में पूर्व कप्तान और वर्तमान BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली, पूर्व टीममेट सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड़, मोहम्मद कैफ आदि शामिल थे। इसमें उनके अच्छे दोस्त वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह, आशीष नेहरा, और कुछ विदेशी खिलाड़ी जैसे क्रिस गेल और ड्वेन ब्रावो भी थे, हालांकि, वीडियो में 2011 विश्व कप विजेता कप्तान एमएस धोनी और भारतीय कप्तान विराट कोहली कहीं नहीं दिखे जिसके कारण फैंस सवाल उठाने लगे हैं। वे पूछ रहे हैं कि ‘धोनी और कोहली को इसमें क्यों शामिल नहीं किया गया?’
Happy friendship day❤ pic.twitter.com/2DMgDXTDK7
— Ravi mishra (@ravi07_mishra) August 1, 2021
It’s missing something paji💔 pic.twitter.com/ZlHcy8JDsf
— Rohit-418 I'm a 🫖 (@rohit29_) August 1, 2021
Why he didn't mention MSD in even single frame, they aren't friends??, As per my cricket knowledge, they both are friends, but why yuvraj did like this 😥
— Harish Kum@r 🔥 (@HarishDongala) August 1, 2021
no virat nd mahi 😏 they both carried u till 2017-18 even ur worst form
— Intraday Trader (@TornAdO_929) August 1, 2021
युवराज सिंह का क्रिकेट करियर
उन्होंने 10 जून, 2019 को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायरमेंट ले ली। युवराज सिंह को 2011 विश्व कप में 362 रन बनाने और 15 विकेट हासिल करने के लिए प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया था। उन्हें 2017 में वेस्टइंडीज के खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज के बाद राष्ट्रीय टीम से हटा दिया गया था और उन्होंने फिर कभी भारतीय जर्सी नहीं पहनी।
भले ही युवराज सिंह के करियर के लिए 2011 विश्व कप सुनहरा पल था, लेकिन उस दौरान उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था। बाएं हाथ के तेजतर्रार बल्लेबाज काफी परेशानी में थे और वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत के अंतिम लीग मैच के दौरान नियमित अंतराल पर मैदान पर उल्टी करते नजर आए थे। इसके बावजूद, उन्होंने सारी मुश्किलों को पार करते हुए मैच जिताने वाला शतक ठोका।
ऐतिहासिक जीत के महीनों बाद, युवराज सिंह को उनके बाएं फेफड़े में कैंसर के ट्यूमर का पता चला और बोस्टन और इंडियानापोलिस में उनका कीमोथेरेपी इलाज किया गया था। हालांकि, उन्होंने घातक बीमारी से बहादुरी से लड़ाई लड़ी और 2012 के अंत में भारतीय टीम में जोरदार वापसी की।