भारत ने एक बार फिर सतह से हवा में मार करने वाली ‘आकाश-एनजी’ मिसाइल वायु रक्षा प्रणाली का सफल परीक्षण किया. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने शुक्रवार को ओडिशा तट से नई पीढ़ी की आकाश (आकाश-एनजी) मिसाइल का सफल परीक्षण किया. पिछले तीन दिनों में 30 किमी की मारक क्षमता वाली वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का यह दूसरा परीक्षण है. शुक्रवार सुबह 11.45 मिनट पर ओडिशा के तट से दूर चांदीपुर परीक्षण रेंज से इस मिसाइल का परीक्षण किया गया.
डीआरडीओ की ओर से बताया गया कि, ‘परीक्षण एक उच्च गति वाले मानवरहित हवाई लक्ष्य के खिलाफ किया गया था, जिसे मिसाइल द्वारा सफलतापूर्वक रोक दिया गया. उड़ान का परीक्षण सभी हथियार प्रणाली, जैसे- मल्टीफंक्शन रडार, कमांड, कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सिस्टम के साथ भूमि-आधारित प्लेटफॉर्म से किया गया. आईटीआर, चांदीपुर द्वारा तैनात कई रडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम द्वारा कैप्चर किए गए डेटा के माध्यम से सिस्टम के प्रदर्शन को मान्य किया गया. भारतीय वायु सेना के अधिकारियों की एक टीम ने परीक्षण देखा.’
डीआरडीओ के मुताबिक, यह नई पीढ़ी की मिसाइल सतह से हवा में मार करती है. यह हवाई खतरों को बेअसर करने में सक्षण है. एक बार तैनात होने के बाद आकाश-एनजी हथियार प्रणाली भारतीय वायु सेना की हवाई सुरक्षा क्षमता में शानदार इजाफा करने वाली साबित होगी. मिसाइल प्रणाली को रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल), हैदराबाद द्वारा अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के सहयोग से विकसित किया गया है.
इससे पहले 21 जुलाई 2021 को मिशन की सभी आवश्यकताओं को पूरा किए बिना इस मिसाइल का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया. उड़ान का परीक्षण भूमि आधारित प्लेटफॉर्म से दोपहर करीब 12:45 बजे किया गया, जिसमें मल्टीफंक्शन रडार, कमांड, कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सिस्टम और तैनाती विन्यास में भाग लेने वाले लांचर जैसी सभी हथियार प्रणालियां थीं. इसके सफल परीक्षण पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से डीआरडीओ को बधाई दी गई.