केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने संसद में बताया कि भारत DNA आधारित कोरोना वैक्सीन तैयार करने वाला पहला देश होगा। उन्होंने कहा, “केडिला जायडस ने डीएनए आधारित कोरोना वैक्सीन का तीसरा ट्रायल पूरा कर लिया है और आपात इस्तेमाल के लिए DGCI में आवेदन किया है। हमारी एक्सपर्ट टीम उसे देख रही है। अगर यह वैक्सीन मार्केट में आएगी तो पूरी दुनिया में एकलौता देश होगा, जिसके वैज्ञानिकों ने डीएनए आधारित वैक्सीन बनाई होगी। यह गौरव भारत को मिलेगा।”
मनसुख मंडाविया ने कहा, “देश में हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल ई ने जो वैक्सीन बनाई है, उसका भी तीसरा ट्रायल चल रहा है और संभावना है कि उसकी वैक्सीन सितंबर या अक्तूबर तक मार्केट में आ जाएगी। 7.5 करोड़ डोज के साथ वह मार्केट में आएंगे। भारत सरकार ने उन्हें वित्तीय सहायता भी दी है।”
मंडाविया ने कहा, “भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन (नाक के जरिए दी जाने वाली) का ट्रायल भी सफलता से चल रहा है। भारत ने वैक्सीन के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम किया है। उसी के आधार पर हमने कहा है कि दिसंबर तक 18 वर्ष से ऊपर के सभी नागरिकों को वैक्सीन मिल जाएगी।”
उन्होंने कहा, “भारत की दो कंपनी- जायडस केडिला और भारत बायोटेक ने बच्चों की वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर दिया है। अभी तक जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार सफलतापूर्वक ट्रायल चल रहा है। हम आशा करते हैं कि ट्रायल सफल रहे।”
मंडाविया ने कहा, “कोविशील्ड वैक्सीन का हर महीने 11-12 करोड़ मिलना चालू हो गया है। जून में 10 करोड़ वैक्सीन मिली थीं। जुलाई में 11.5 करोड़ मिल रही हैं। उसी तरह भारत बायोटेक की मैन्युफैक्चरिंग बढ़ रही है। विश्व का सबसे बड़ा रिएक्टर उन्होंने लगाया है। जुलाई में वो हमें 2.5 करोड़ दे रहे हैं। अगस्त से 3.5 करोड़ की रफ्तार से देना शुरू कर देंगे।”
उन्होंने कहा, “देश में वैक्सीन उत्पादन का जिन कंपनियों के पास इंफ्रास्ट्रक्चर है। उनको भारत बायोटेक के साथ मिलकर टेक्नोलॉजी ट्रांस्फर के जरिए उत्पादन बढ़ाने का प्रयास हो रहा है। भारत दुनिया में सबसे ज्यादा वैक्सिनेट करने वाला देश बना है। हमारे पहले जिन्होंने वैक्सिनेशन चालू किया है, उनका हाल देख लीजिए।”
मनसुख मंडाविया ने कहा, “मंगलवार सुबह तक भारत में 41.20 करोड़, अमेरिका में 33.80 करोड़, जर्मनी में 8.60 करोड़, यूके में 8.30 करोड़, जापान में 7 करोड़, तुर्की में 6 करोड़ टीके लगाए गए। हम दुनिया में सबसे ज्यादा टीके लगाने वाला देश बने हैं।”
मंडाविया ने कहा, “85 दिन में हमने 10 करोड़ टीके लगाए, बाद में 55 दिन में 20 करोड़ तक पहुंचे, 29 दिन में 20 से 30 करोड़ और पिछले 24 दिन में हमने 10 करोड़ टीके लगाए हैं।” उन्होंने कहा, “पहली लहर में 1-10 साल की आयु के 3.28 प्रतिशत बच्चों में एंटीबॉडी पाई गईं। दूसरी लहर में 3.5 प्रतिशत बच्चों में एंटीबॉडी मिली।”