बहरीन ओडिया समाज और इस्कॉन मंदिर ने बहरीन साम्राज्य में पवित्र रथयात्रा का आयोजन किया, जो कि जगत के नाथ, भगवान श्रीजगन्नाथ और उनके भाई-बहनों के प्रारम्परिक नौ दिवसीय वार्षिक यात्रा को चिह्नित करता है। उत्सव १२ जुलाई को शुरू होकर ९ दिनों के आनलाइन कार्यक्रमों के बाद २० जुलाई २०२१ को समाप्त हुआ। जब भगवान रथ पर भक्तों को अपनी वार्षिक दर्शन देने के बाद अपने निवास को लौट गए।
बहरीन में भारतीय राजदूत महामहिम श्री पीयूष श्रीवास्तव ने रथ यात्रा समारोह में भाग लेने के लिए 12 जुलाई को इस्कॉन जगन्नाथ मंदिर का दौरा किया, उन्होंने बहरीन ओडिया समाज के संस्थापक अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार प्रहराज, इस्कॉन बहरीन के अध्यक्ष श्री वरदराजन गोपाल प्रभु जी एवं महाप्रभु के कुछ भक्तों के साथ भगवान की प्रार्थना की एवं रथ खींचने का आनंद लिया, और कुछ समय उड़िया समाज और इस्कॉन के कार्यकारी सदस्यों के साथ बिताया। राजदूत ने एक विदेशी देश में ओडिशा की संस्कृति को संरक्षित करने के प्रयासों के लिए प्रवासी ओडिया समुदाय की प्रशंसा की और इस बात की सराहना की, कि समारोह को केवल 10 लोगों के जत्थे के साथ आयोजित किया गया था जिसमें सख्ती से सामाजिक दूरी और कोविड नियमों का पालन किया गया था।
डॉ. प्रहराज ने कहा, “इस त्योहार का सबसे उत्कृष्ट पहलू धार्मिक एकता और सार्वभौमिक प्रेम और भाईचारे को बढ़ावा देना है। श्री जगन्नाथ वार्षिक रथ यात्रा उत्सव में महाप्रभु सभी जाति, पंथ, धर्म, सामाजिक स्थिति, लिंग और राष्ट्रीयता के लोगों को दर्शन देते हैं। जहां वह वास्तव में खुद को जगत नाथ के रूप में प्रकट करते हैं और समग्र विश्व के लोगों को इस सामंजस्यपूर्ण धार्मिक संगम का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
डाॅ. प्रहरज ने यह भी कहा कि, रथ यात्रा एक ऐसा त्योहार है जो “वसुधैव कुटुम्बकम” (दुनिया एक परिवार है) का प्रतीक है। हम पिछले २२ वर्षों से बहरीन में इस त्योहार को मना रहे हैं। हमें सांस्कृतिक और धार्मिक स्वतंत्रता देने के लिए हम बहरीन सरकार के आभारी हैं। और #IndiaAt75 आज़ादी का अमृत महोत्सव में इस पवित्र रथ यात्रा उत्सव को शामिल करने के लिए हम भारतीय दूतावास को भी धन्यवाद देते हैं।
रथ यात्रा उत्सव के बाद शाम को बहरीन उड़िया समाज द्वारा आभासी मंच पर भजन संध्या (पवित्र संगीत संध्या) का आयोजन किया गया था। जहां पुरी के महाराज पूज्य श्री गजपति महाराजा दिब्यसिंह देब ने इस आयोजन के लिए अपना संदेश और आशीर्वाद दिया, वहीं केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने वीडियो संदेश के माध्यम से अपना अभिवादन भेजा। इस समारोह में भक्ति गीतों के अलावा, शास्त्रीय ओडिसी नृत्य और लोक नृत्य ‘रानापा’ (बांस नृत्य) का प्रदर्शन किया गया, जिसमें प्रसिद्ध गायिका सुष्मिता दास, आरजे स्वाति, ललित कृष्ण महापात्रा, माँ और बेटी की प्रसिद्ध ओडिसी नर्तकी जोड़ी सोनालिका और श्रीनिका पाढ़ी, शास्त्रीय नृत्य गुरु सास्वत जोशी, सूफी गायक प्रकाश चंद्र राउत और अद्रुत चिल्ड्रन होम से शारीरिक रूप से विकलांग बांसुरी वादक मास्टर असित और तबला वादक मास्टर अमित और कई अन्य गायकों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में ओडिशा विधान सभा के माननीय अध्यक्ष श्री सूर्य नारायण पात्र, खाद्य और आपूर्ति मंत्री श्री रणेंद्र प्रताप स्वाईं, वियतनाम के हो ची मिन्ह शहर में भारत के महावाणिज्य दूत श्री मदन मोहन सेठी, बहरीन के भारतीय दूतावास के प्रतिनिधि श्री इहजास असलम और अंतरराष्ट्रीय रेत कलाकार पद्मश्री सुदर्शन पटनायक ने विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया। इसके साथ ही भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, आयरलैंड, जापान, इंडोनेशिया, थाईलैंड, मलेशिया, दुबई, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, ओमान, वियतनाम और कुवैत सहित 20 देशों के जगन्नाथ भक्तों ने भी इस आनलाइन भजन संध्या में भाग लिया।